
नई दिल्ली । वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (Senior Congress leader Anand Sharma) ने रविवार को पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा (Resign) दे दिया ताकि इसके पुनर्गठन में मदद मिल सके और युवा नेताओं (Young Leaders) को इसमें शामिल किया जा सके। केंद्रीय मंत्री रह चुके शर्मा ने लगभग एक दशक तक पार्टी के विदेश मामलों के विभाग का नेतृत्व किया। हालांकि, वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बने रहेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संबोधित अपने त्यागपत्र में शर्मा ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले भी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख दोनों को बताया है, मेरे विचार से, समिति का पुनर्गठन किया जाना चाहिए ताकि इसमें क्षमतावान और प्रतिभाशाली युवा नेताओं को शामिल किया जा सके। इससे इसके कामकाज में निरंतरता सुनिश्चित होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, मैं विदेश मामलों के विभाग (डीएफए) के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं ताकि इसका पुनर्गठन हो सके।’’ पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शर्मा लगभग चार दशकों से अंतरराष्ट्रीय मामलों पर कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे हैं।
हालांकि, शर्मा अब भी कांग्रेस के सदस्य बने हुए हैं। पत्र में शर्मा ने कहा कि डीएफए पिछले कुछ दशकों से दुनिया भर में समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ कांग्रेस के संबंधों को बनाने और मजबूत करने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है, जो लोकतंत्र, समानता और मानवाधिकारों के मूल्यों को साझा करते हैं।
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