
अहिल्या माता के जन्मदिन और मेट्रो रेल का हल्ला रहा भारी…
इंदौर। लोकमाता (Lokmata) देवी अहिल्याबाई होलकर (Devi Ahilyabai Holkar) के जन्मदिन (birthday) के दिन ही इंदौर (Indore) का स्थापना दिवस (foundation day ) मनाने का फैसला हुआ था। इस साल इस दिन पर इस शहर की स्थापना को याद करना सब भूल गए, याद रहा तो लोकमाता का 300 वां जन्म शताब्दी वर्ष का आयोजन और याद रहा तो मेट्रो ट्रेन का शुभारंभ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर जब शिवराज सिंह चौहान काम कर रहे थे तब उनके द्वारा यह परंपरा शुरू करवाई गई थी कि हर शहर अपना जन्मदिन मनाए। उस मौके पर शहर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से शहर के भविष्य को लेकर भी चिंतन हो। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे जाएं जो की हमारी गौरवशाली संस्कृति की याद दिलाएं। पिछले कुछ सालों से स्थानीय स्तर पर नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा मिलकर इंदौर का स्थापना दिवस 31 मई को मनाया जाता रहा है। इस दिन को विशेष तौर पर इंदौर गौरव दिवस के रूप में मनाते हुए दो या तीन दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यह परंपरा इस साल लोकमाता देवी अहिल्याबाई के 300 वें जन्म जयंती वर्ष के समापन के कार्यक्रम और मेट्रो रेल के शुभारंभ के कार्यक्रम में खो गई। वैसे तो नगर निगम के द्वारा यह ऐलान किया गया था कि इस वर्ष भी इंदौर गौरव दिवस के अवसर पर 2 दिन के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद में निगम के द्वारा एक प्रसिद्ध गायक के कार्यक्रम का आयोजन नेहरू स्टेडियम में करने की भी बात कही गई थी। जैसे-जैसे कार्यक्रम का आयोजन की तिथि करीब आने लगी वैसे-वैसे कार्यक्रम के नाम पर खामोशी दिखने लगी। कहने के लिए यह कहा जा सकता है कि अहिल्याबाई का स्मरण दिवस और उसके कार्यक्रम ही इंदौर गौरव दिवस के कार्यक्रमों का हिस्सा थे। यह भी कहा जा सकता है कि मेट्रो ट्रेन तो इंदौर गौरव दिवस पर इंदौर को सरकार की ओर से दिया गया उपहार है और यह भी गौरव दिवस का ही हिस्सा है। इंदौर गौरव सम्मान का सिलसिला भी शुरू किया गया था। यह भी इस हल्ले में गायब हो गया।