5 दिसंबर की 10 बड़ी खबरें

1. रूस-यूक्रेन की जंग से दुनिया ने भुगता 32 लाख करोड़ का खामियाजा, भुखमरी की कगार पर 20 करोड़ लोग

यूक्रेन (Ukraine ) के निरस्त्रीकरण के लिए रूस के कथित विशेष सैन्य अभियान को 9 महीने और 10 दिन बीत चुके हैं। अमेरिका-यूरोप-यूक्रेन (America-Europe-Ukraine) और रूस के लिए युद्ध के अपने-अपने मायने और नफे-नुकसान हैं। लेकिन, पूरी दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। यह कीमत अब करीब 32 लाख करोड़ रुपये (4 ट्रिलियन डॉलर) हो चुकी है। जाहिर है, यूक्रेन को सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति (Ukrainian President) के आर्थिक सलाहकार ओलेग उस्तेंको के मुताबिक, यूक्रेन को युद्ध की वजह से एक ट्रिलियन डॉलर (करीब आठ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। दूसरी तरफ रूस अब तक युद्ध में करीब 8,000 अरब रुपये फूंक चुका है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका और यूरोप मिलकर यूक्रेन की मदद के नाम पर युद्ध में 12,520 अरब रुपये झोंक चुके हैं। भोजन और ईंधन (food and fuel) की बढ़ी हुई कीमतें, बाधित आपूर्ति शृंखला, महंगाई और बेरोजगारी जैसे कारकों को शामिल कर देखा जाए, तो युद्ध की वजह से पूरी दुनिया पर करीब 24 लाख करोड़ रुपये (तीन ट्रिलियन डॉलर) का बोझ पड़ा है।

 

2. क्या एनसीपी में शामिल होंगे शशि थरूर, नाराजगी की खबरों के बीच कांग्रेस से कर सकते हैं किनारा!

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Senior Congress leader Shashi Tharoor) जल्द ही पार्टी से किनारा कर सकते हैं। इसको लेकर कयास भी लगाए जाने लगे हैं। खबर है कि शशि थरूर जल्द ही एनसीपी में शामिल हो सकते हैं। एनसीपी केरल अध्यक्ष पीसी चाको ने इस ओर इशारा भी किया है। कन्नूर में उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस सांसद शशि थरूर एनसीपी में आते हैं तो हम गर्मजोशी से उनका स्वागत करेंगे। अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें बाहर भी करती है तो भी वह तिरुवनंतपुरम से सांसद बने रहेंगे। पीसी चाको ने कहा, मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि थरूर को कांग्रेस को नजरअंदाज किया जा रहा है। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी में शशि थरूर को नजरअंदाज किया जा रहा है। मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद थरूर को बड़ी भूमिकाओं से दूर रखा जा रहा है, जिससे थरूर नाराज चल रहे हैं। बात दें, कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए थरूर ने भी नामांकन भरा था। हालांकि, वह खरगे से बड़े अंतर से चुनाव हार गए। इसके बाद उन्हें कांग्रेस की उच्चस्तरीय कमेटियों में भी जगह नहीं मिली।

 

3. शी जिनपिंग पश्चिमी देशों के टीकों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं, विरोध प्रदर्शन जारी

चीन के कई हिस्सों में कोविड-19 लॉकडाउन (Covid-19 lockdown in many parts of China) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों को सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है। लेकिन अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक एवरिल हाइन्स ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कोविड-19 के पश्चिमी टीकों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और विरोध के बावजूद भी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार को कोई खतरा नहीं है। कैलिफोर्निया में वार्षिक रीगन नेशनल डिफेंस फोरम में बोलते हुए हाइन्स ने कहा कि वायरस के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव के बावजूद शी पश्चिम से एक बेहतर टीका लेने के लिए तैयार नहीं है, और वह ओमीक्रॉन के खिलाफ प्रभावी टीके पर भरोसा कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने किसी भी विदेशी कोविड टीकों को मंजूरी नहीं दी है। बता दें कि, बीते 11 नवंबर को चीन ने कोविड नियंत्रण की 20 सूत्री नई नीति जारी की। इसमें क्वैरेंटीन अवधि घटाने, पूरे शहर या इलाके के बजाय सिर्फ संक्रमण ग्रस्त क्षेत्र विशेष में लॉकडाउन लगाने और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों पर लगने वाले प्रतिबंधों ढिलाई, आदि जैसे उपाय शामिल हैँ। इस एलान के बाद लोगों में सख्ती में रियायत मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन इसी बीच उरुमची की घटना हो गई।

 

 

4. बिहार में श्रद्धा वालकर की तरह हत्या, सिरफिरे ने हाथ-पैर सहित कई अंग काटे

दिल्ली के श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस (shraddha walker murder case of delhi) की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि बिहार में एक महिला की कुछ इसी अंदाज में हत्या कर दी गई. घटना भागलपुर जिले की है जहां के पीरपैंती थाना क्षेत्र के सिंघिया पुल के पास देर शाम नीलम देवी की हत्या शकील मियां नाम के अपराधी ने कर दी. शकील द्वारा नीलम पर चाकू से कई बार वार करते हुए उसे वीभत्स तरीके घायल कर दिया गया. महिला को चिंताजनक स्थिति में इलाज के लिये अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के क्रम में ही उसकी मौत हो गई. नीलम देवी नाम की महिला की शकील नाम के एक व्यक्ति ने धारदार हथियार से काटते हुए हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के लिये आरोपी व्यक्ति पहले से घात लगाए बैठा था. जैसे ही बाजार से निकल कर महिला वहां पहुंची उसने गमछे से हथियार निकाला और महिला पर ताबड़तोड़ वार किये. शकील ने नीलम के हाथ, पैर, कान और शरीर के कई अंग काट डाले. जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक आरोपी फरार हो गया. शनिवार को हमला हुआ था और रविवार को इलाज के दौरान नीलम की मौत हुई.

 

5. Air India के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, बेड़े में शामिल होंगे 12 नए विमान

टाटा ग्रुप (Tata Group) के स्वामित्व वाली एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) ने अपने मौजूदा बेड़े को और बढ़ाने के लिए सोमवार को 12 एयरक्राफ्ट लीज पर लेने की घोषणा की. इसमें 6 एयरबस ए320नियो नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट और 6 बोइंग बी777-300 एफ वाइडबॉडी शामिल हैं. टाटा ग्रुप ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था. उसके बाद से वह लगातार अपने नेटवर्क और बेड़े का विस्तार कर रहा है. इन विमानों के 2023 की पहली छमाही में शामिल होने की उम्मीद है. इन्हें छोटे, मध्यम और लंबी दूरी के इंटरनेशनल रूट्स पर तैनात किया जाएगा. सिंगापुर एयरलाइंस के साथ टाटा के ज्वाइंट वेंचर विस्तारा के साथ एयर इंडिया के विलय की घोषणा के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है.

 

6. नए साल में तबाह हो जाएगा बिटकॉइन! इस बड़े बैंक ने दी चेतावनी

दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए नया साल और भी ज्यादा बुरा हो सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) ने अनुमान लगाया है कि नए साल में बिटकॉइन निवेशकों (Bitcoin Investors) के आंसू और ज्यादा बहा सकता है और इसकी कीमत में 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है. बैंक ने कहा कि साल 2023 में बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) 5 हजार डॉलर के पास आ सकते हैं जो कि मौजूदा समय 17,500 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है. बैंक के ग्लोबल हेड ऑफ रिसर्च एरिक रॉबर्टसन ने रविवार को एक नोट में लिखा है कि अगले साल लगभग 70 फीसदी यानी कीमत 5 हजार डॉलर तक देखने को मिल सकती है. रॉबर्टसन ने यह भी कहा कि मांग गोल्ड के डिजिटल वर्जन में निवेशकों के शिफ्टी ​होने के कारण बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है. जबकि सोने के दाम में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. रॉबर्टसन ने कहा कि बिटकॉइन की कीमत में गिरावट की असल वजह इकोनॉमी में उथल—पुथल डिजिटल असेट्स में निवेशकों के विश्वास में कमी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भविष्यवाणियां नहीं कर रहे है, बल्कि उन सिनेरियो पर विचार कर रहे हैं जो भौतिक रूप से मौजूदा बाजार सहमति से बाहर हैं.

 

 

7. सेना-सरकार दखलअंदाजी बंद करें नहीं तो आएगा तूफान- फारूक अब्दुल्ला की चेतावनी

फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) एक बार फिर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष चुने गए हैं. इस दौरान आयोजित सभा में उन्होंने पार्टी द्वारा 2018 में पंचायत चुनावों के बॉयकॉट के फैसले को गलत बताया और कहा कि आने वाले सभी चुनाव में पार्टी को हिस्सा लेना चाहिए. उन्होंने सरकार और सुरक्षा बलों से अपील भी की कि वे चुनावों में किसी तरह की दखलअंदाजी न करें. अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह करने से ऐसा तूफान आएगा जिसे आप कंट्रोल नहीं कर पाएंगे. उन्होंने उमर अब्दुल्ला के उस बयान के उलट कहा, जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर के यूनियन टेरिटरी रहते चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि पार्टी द्वारा 2018 में पंचायत चुनावों का बॉयकॉट एक बड़ी गलती थी. याद रखिए, हम आने वाले चुनावों का बॉयकॉट नहीं करेंगे, बल्की इसके बदले चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.’ उन्होंने निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह बातें कही. उन्होंने अपने बेटे उमर अब्दुल्ला को कहा कि आपको चुनाव लड़ना होगा.

 

8. Covid Virus अभी भी है काफी संक्रामक, स्पाइक प्रोटीन में हो रहा बदलाव

कंप्यूटर सिमुलेशन पर आधारित एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस अभी भीअत्यधिक संक्रामक है. अमेरिका के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RIT) के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड वायरस अपने स्पाइक प्रोटीन का उपयोग करते हैं. इससे वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है. करीब तीन साल बाद भी ये वायरस मैमल्स (स्तनधारी जीव) में काफी संक्रामक है और उनसे इनका इंसानों में प्रसार का खतरा अभी भी बना हुआ है. रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस जर्नल में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि कैसे कई SARS-CoV-2 वेरिएंट में वायरल स्पाइक प्रोटीन हैं, जो जीनस राइनोलोफस के विभिन्न चमगादड़ों में ACE2 के रूप में जाने जाने वाले सेल रिसेप्टर्स के साथ मिल जाते हैं. यानी, वायरस चमगादड़ों के शरीर में रिस्पेटर के साथ मिलकर फिर से एक्टिव हो सकते हैं.

 

 

9. हरियाणा: नहर में गिरी कार, एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत

हरियाणा के अंबाला (Ambala of Haryana) में इस्माईलपुर से गुजर रही नरवाना ब्रांच नहर (Narwana Branch Canal) में कार गिरने पर दंपती सहित दो बच्चों की मौत हो गई। यह हादसा रविवार सुबह 11 बजे हुआ था। सोमवार देर शाम को अंबाला के नग्गल थाना (Naggal Police Station) में सूचना पहुंची तो करीब ढ़ाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद क्रेन के जरिये (by crane) कार को बाहर निकाला गया। कार में दपंती सहित दो बच्चों के शव बरामद हुए। जिनकी पहचान लालडू थाना के गांव टिवाणा निवासी 40 वर्षीय कुलबीर व उसकी पत्नी कमलजीत सहित दो बच्चे 16 वर्षीय जश्नप्रीत कौर व 11 वर्षीय खुशदीप के रूप में हुई। शवों को निकालने के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए अंबाला शहर नागरिक अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर मंगलवार को पोस्टमार्टम करेंगे और उसके बाद ही मौत के कारणों की स्थिति स्पष्ट होगी। नग्गल थाना पुलिस ने बताया कि परिजनों को सूचित कर दिया गया है। परिवार मारूति कार में सवार होकर अपने रिश्तेदारी में जा रहा था।

 

10. इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन सकता है स्विट्जरलैंड

स्विट्जरलैंड (Switzerland) इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन सकता है। दरअसल वह ठंडी में ऊर्जा की किल्लत (lack of energy) से बचने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन पर बैन लगाने पर विचार कर रहा है। स्विट्जरलैंड में बिजली की सप्लाई पड़ोसी देश फ्रांस और जर्मनी से होती है। इस साल फ्रांस और जर्मनी (France and Germany) खुद ऊर्जा की किल्लत झेल रहे हैं, इस वजह से स्विट्जरलैंड को नेचुरल गैस (natural gas) की सप्लाई में समस्या हो सकती है। जैसा कि फरवरी से रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच युद्ध जारी है जिससे यूरोपीय देशों में गैस की किल्लत होने की आशंका बढ़ गई है। फ्रांस को पिछले कई दशक में पहली बार ऊर्जा का आयात कर अपनी जरूरत पूरी करनी पड़ रही है। इसीलिए यूरोपियन यूनियन (european union) का महत्वपूर्ण देश फ्रांस दशकों में पहली बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा का आयात कर रहा है। स्विस फेडरल इलेक्ट्रिसिटी कमीशन, एलकॉम ने इस साल जून में पहले ही कहा है कि फ्रांसीसी परमाणु ऊर्जा उत्पादन की अपेक्षित कम उपलब्धता के कारण सर्दियों के लिए बिजली की आपूर्ति अनिश्चित रहेगी। जर्मनी के साथ भी यही स्थिति है। विभिन्न वैश्विक मुद्दों के कारण इस वर्ष कम ऊर्जा उत्पादन के कारण, ये देश मुश्किल से अपना बचाव कर पाएंगे। इसलिए, स्विट्जरलैंड को ऊर्जा निर्यात करने का सवाल ही नहीं उठता।

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