15 संजीवनी क्लिनिक और बनकर तैयार

  • -स्वास्थ्य विभाग को सौंपेंगे… अब तक 45 बन चुके
  • – 15 से ज्यादा स्थानों पर क्लिनिकबनाने का काम उलझन में
  • – नहीं मिल रही है जमीन

इन्दौर। नगर निगम ने अब तक शहरभर के विभिन्न स्थानों पर 45 संजीवनी क्लिनिक बना दिए हैं। पूर्व में 30 क्लिनिक बनाए गए थे, जो स्वास्थ्य विभाग को सौंपे गए और अब 15 और सौंपे जाने की तैयारी है। प्रशासन के निर्देशन पर निगम ने विभिन्न स्थानों पर जमीनें ढूंढकर संजीवनी क्लिनिक बनाने का काम तेजी से किया था। इसके लिए न्यूनतम 30 से 45 लाख रुपए तक की राशि खर्च की गई है। कई स्थानों पर जमीन नहीं मिलने पर नर्मदा की पानी की टंकियों के नीचे ही संजीवनी क्लिनिक बना दिए गए हैं, ताकि वहां आसपास की बस्तियों और मोहल्ले के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पिछले दिनों नगर निगम के बड़े ठेकेदार पप्पू भाटिया द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद उनके आधे-अधूरे कार्यों में कई संजीवनी क्लिनिक भी शामिल थे, जिनका कार्य अब अन्य ठेकेदारों को देकर पूरा करवाया गया है। पूर्व में स्वास्थ्य विभाग को निगम द्वारा तैयार कराए गए 30 संजीवनी क्लिनिक बनाकर सौंप दिए गए थे और अब 15 क्लिनिक तैयार कर लिए गए हैं, जिन्हें दो से चार दिनों में स्वास्थ्य विभाग के हवाले कर दिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ही अपने स्तर पर वहां स्टाफ और डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ-साथ कई संसाधन उपलब्ध कराएगा, ताकि क्लिनिक शुरू हो सके।

प्रशासन के निर्देशन पर निगम ने विभिन्न स्थानों पर जमीनें ढूंढकर संजीवनी क्लिनिक बनाने का काम तेजी से किया था। इसके लिए न्यूनतम 30 से 45 लाख रुपए तक की राशि खर्च की गई है। कई स्थानों पर जमीन नहीं मिलने पर नर्मदा की पानी की टंकियों के नीचे ही संजीवनी क्लिनिक बना दिए गए हैं, ताकि वहां आसपास की बस्तियों और मोहल्ले के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पिछले दिनों नगर निगम के बड़े ठेकेदार पप्पू भाटिया द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद उनके आधे-अधूरे कार्यों में कई संजीवनी क्लिनिक भी शामिल थे, जिनका कार्य अब अन्य ठेकेदारों को देकर पूरा करवाया गया है। पूर्व में स्वास्थ्य विभाग को निगम द्वारा तैयार कराए गए 30 संजीवनी क्लिनिक बनाकर सौंप दिए गए थे और अब 15 क्लिनिक तैयार कर लिए गए हैं, जिन्हें दो से चार दिनों में स्वास्थ्य विभाग के हवाले कर दिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ही अपने स्तर पर वहां स्टाफ और डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ-साथ कई संसाधन उपलब्ध कराएगा, ताकि क्लिनिक शुरू हो सके।

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