केण्ट बोर्ड सीईओ पर 25 हजार की कॉस्ट

  • निरस्त नियम पर एंट्री टैक्स लगाने पर हाईकोर्ट सख्त

जबलपुर। केण्ट बोर्ड जबलपुर द्वारा एंट्री टैक्स बसूले जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की युगलपीठ के समक्ष केंट बोर्ड के सीईओ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। उन्होने केण्ट बोर्ड 1924 के नियम के तहत एंट्री एक्ट वसूलने के संबंध में जानकारी पेश की। युगलपीठ ने पाया कि पूर्व में पेश किये गये जवाब में किसी अन्य नियम के तहत एंट्री टैक्स लिये जाने की जानकारी पेश की गयी थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने सीईओ पर 25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाई है। युगलपीठ ने नगर निगम द्वारा एंट्री टैक्स वसूले जाने के संबंध में जानकारी पेश करने के निर्देश दिये है। उल्लेखनीय है कि यह जनहित का मामला सदर निवासी साहिल अग्रवाल की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि केंट बोर्ड के एंट्री शुल्क का विलय जीएसपी में हो गया है।

इसके बावजूद भी जबलपुर केंट बोर्ड एंट्री टैक्स वसूल रहा है। याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त करने रक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है। पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने जवाब पेश करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया था। याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान केंट बोर्ड की ओर से पेश किये गये जबाव में बताया गया कि जीएसटी के अंतर्गत आने के बाद एंट्री शुल्क बंद की गयी है, वहीं आवेदक की ओर से कहा गया कि अब भी एंट्री टैक्स वसूला जा रहा है। जिस पर न्यायालय ने सीईओ को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने बताया कि मामले की सुनवाई दौरान सीईओ ने केंट बोर्ड एक्ट 1924 के तहत टैक्स बसूलने की जानकारी युगलपीठ को दी। उनकी ओर से युगलपीठ को बताया गया कि उक्त नियम निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा पूर्व में पेश किये गये जवाब में उन्होने किसी अन्य नियम का हवाला दिया था। जिसे गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने सीईओ पर 25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाते हुए उक्त आदेश जारी किये है।

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