32 साल पहले कार सेवक ने खाई थी कसम, आज सपना पूरा होने पर मंत्री ने पहनाए चप्पल

मुंबई (Mumbai) । उत्तरी महाराष्ट्र (Northern Maharashtra) में जलगांव (Jalgaon) के 60 वर्षीय विलास भवसार (Vilas Bhavsar) ने 1992 में शपथ ली थी कि जब तक अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram temple) का निर्माण नहीं हो जाएगा तब तक वह जूता-चप्पल (shoes and slippers) नहीं पहनेंगे। सोमवार को अयोध्या में राममंदिर में राम लला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद भवसार ने 32 साल बाद आज पहली बार चप्पल पहनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अगुवाई की।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं भाजपा नेता गिरीश महाजन ने सोमवार को जलगांव जिले के जामनेर में एक कार्यक्रम में भवसार को एक जोड़ी चप्पल दी तथा भवसार ने वह चप्पल पहनी। जलगांव में पान की दुकान चलाने वाले भवसार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी शपथ पूरी हो गयी तथा हर रामभक्त का सपना साकार हो गया।

भवसार ने कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने तब तक जूते-चप्पल नहीं पहनने की कसम खाई थी जब तक अयोध्या में ‘उसी स्थान पर’ पर भव्य राममंदिर नहीं बन जाता।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम लला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य यजमान थे। वैदिक मंत्रोच्चार और पूरे विधि-विधान से राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर हजारों साधु-संतों के अलावा बॉलीवुड स्टार, उद्योगपति, राजनेता और समाज के अलग-अलग वर्गों से लोग मौजूद थे।

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