6 कम्पनियां बचीं 284 करोड़ के मेट्रो डिपो निर्माण की दौड़ में

  • देश की जानी-मानी 16 कम्पनियों ने भरे टेंडर, मगर 10 अयोग्य घोषित, अब फाइनेंशियल टेंडर खोलकर देंगे मंजूरी

इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) के काम ने अब गति पकड़ ली है, वहीं सुपर कॉरिडोर (super corridor) पर 75 एकड़ जमीन पर विशाल मेट्रो डिपो (Vishal Metro Depot) निर्मित किया जाना है, जिसको लेकर 284 करोड़ रुपए की राशि का टेंडर पिछले दिनों बुलाया गया था। देश की जानी-मानी 16 कम्पनियों ने टेंडर भरे, मगर 10 कम्पनियां अयोग्य घोषित की गईं। अब 6 कम्पनियां ही ठेका लेने की दौड़ में शामिल है।

मेट्रो प्रोजेक्ट एमआर-10 से लेकर रिंग रोड तक नजर आने लगा है। 20 से अधिक पिलर तैयार भी हो गए हैं, वहीं रेल विकास निगम (Corporation) ने भी दूसरे चरण के लिए सॉइल टेस्टिंग (soil testing) का काम शुरू कर दिया है। सुपर कॉरिडोर (super corridor) पर वन विभाग के साथ ही गांधी नगर गृह निर्माण संस्था की जमीन भी मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने डिपो निर्माण के लिए ली है, जिसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए। 75 एकड़ जमीन पर 284 करोड़ में यह मेट्रो डिपो बनना है। वन विभाग की 28 एकड़ जमीन भी इसमें शामिल है, जिसके बदले शासन ने विभाग को अन्य स्थानों पर जमीन उपलब्ध करवाई है। इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) के उपमहाप्रबंधक अनिल जोशी के मुताबिक मेट्रो रेल डिपो का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। 2092 दिन की समयसीमा मेट्रो डिपो निर्माण के लिए रखी गई है। लगभग 16 कम्पनियों ने टेंडर भरे, जिसमें से 10 कम्पनियां अयोग्य घोषित हो गईं और अब 6 कम्पनियां ही दौड़ में बची हैं। जल्द ही फाइनेंशियल टेंडर भी खोला जाएगा और फिर पात्र कम्पनी को डिपो निर्माण का ठेका दिया जाएगा। यहां पर एडमिस्ट्रेटिव ब्लॉक, विशाल वर्कशॉप, क्लीनिंग शेड, टेस्ट ट्रैक, इलेक्ट्रिक सबस्टेशन, पम्प रूम, विशाल पार्किंग के साथ ट्रेनिंग सेंटर, कैंटीन सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी।

1300 बिन्दुओं के सुझाव से मेट्रो कार्पोरेशन चकरघिन्नी
डिपो के अलावा कार्पोरेशन ने पिछले दिनों 2661 करोड़ रुपए के ग्लोबल टेंडर भी आमंत्रित किए, जिसमें इंदौर में दौडऩे वाली मेट्रो ट्रेन के 75 कोच, जिसे रोलिंग स्टॉक कहा जाता है, के अलावा टेस्टिंग, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन सहित अन्य कार्य होना हैं। इसमें मेट्रो रेल कार्पोरेशन म.प्र. ने संबंधित कम्पनियों से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी थीं, ताकि उसके मुताबिक टेंडर शर्तों में संशोधन हो सके। एक कम्पनी ने 1300 बिन्दु के आपत्ति-सुझाव भेज दिए, जिससे कार्पोरेशन चकरघिन्नी हो रहा है।

37 एकड़ का कॉस्टिंग यार्ड भी लगभग हो गया तैयार
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने दूसरे चरण के 1416 करोड़ के कार्यों का भूमिपूजन किया था। दूसरे चरण का जिम्मा रेल विकास निगम लिमिटेड के पास है, जिसके चलते 37 एकड़ पर कॉस्टिंग यार्ड (costing yard) तैयार किया जा रहा है। इसमें यादव परिवार की निजी जमीन कम्पनी ने दो साल के लिए किराए पर ली है। मौके पर कॉस्टिंग यार्ड का निर्माण लगभग पूरा भी होने आया है। इसके बाद कम्पनी की मशीनें लगना शुरू होंगी और तत्पश्चात पिलर निर्माण और अन्य काम शुरू हो जाएंगे। गांधी नगर ओवरब्रिज के पास ही पहला मेट्रो स्टेशन बनना शुरू होगा।

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