इस साल चार माह में ही दर्ज हो गए दहेज प्रताडऩा के 60 फीसदी मामले

  • पिछले साल दिसंबर 2021 तक जिले में 187 केस दर्ज हुए थे-इस साल अप्रैल तक 110 प्रकरण आ गए

उज्जैन। महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के बीच महिलाओं के प्रति होने वाले गंभीर अपराधों में कोई कमी नहीं आ रही है। हालत यह है कि इस साल के शुरूआती चार महीनों में ही पिछले साल के मुकाबले दहेज प्रताडऩा के 60 फीसदी के लगभग मामले दर्ज हो गए।
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उज्जैन जिले के शहरी और देहात थानों में पिछले साल 1 जनवरी 2021 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक की अवधि में दहेज के लिए सताई गई महिलाओं ने अलग-अलग थानों में 187 केस दर्ज कराए थे। हालांकि केस दर्ज होते ही पुलिस ने दहेज लोभियों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया था। अधिकांश मामलों में पुलिस दहेज के लिए सताई गई महिलाओं के आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने में सफल भी रही।


इधर जैसे ही नया साल शुरू हुआ और 1 जनवरी 2022 से लेकर 30 अप्रैल 2022 तक चार माह के अंतराल में ही दहेज प्रताडऩा के फिर से 110 नए केस दर्ज हो गए। कुल मिलाकर पुलिस प्रशासन अपने स्तर पर अपराध रोकने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन दहेज के लिए महिलाओं को सताने वाले लालची लोग नहीं मान रहे। उक्त दो वर्षों मे दर्ज हुए दहेज प्रताडऩा के मामलों का आंकलन किया जाए तो पिछले साल के मुकाबले इस साल के शुरूआती चार महीने में ही 60 प्रतिशत मामले दर्ज हो गए हैं।

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