जान जोखिम में रखकर दो हजार बच्चों को पढ़ा रहे हैं 60 टीचर्स

  • क्रिस्ट ज्योति स्कूल के पास नहीं हैं फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम, एनओसी आवेदन निरस्त

उज्जैन। शिक्षा के क्षेत्र में उज्जैन शहर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहाँ के निजी स्कूल अब और भी एडवांस तरीके से अपने स्टूडेंट्स को शिक्षा दे रहे हैं। इसमें से एक है क्रिस्ट ज्योति स्कूल, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के मामले में स्कूल का सबसे बुरा हाल। स्थिति यह है कि स्कूल के पास फायर सेफ्टी की अस्थाई एनओसी तक नहीं है। वर्तमान समय की बात करें तो इस स्कूल 2000 से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इनके लिए 60 के करीब स्टाफ और टीचर हैं। बावजूद स्कूल में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या स्कूल में पढऩे वाले बच्चे सुरक्षित है और अगर बच्चे स्कूल में सुरक्षित नहीं हैं तो बच्चों के साथ लापरवाही करने वाले स्कूल पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या स्कूल संचालक और जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?

दस हजार रुपए प्रति माह तक वसूल रहे फीस
इस स्कूल में लगने वाली फीस की बात करे तो स्कूल के ब्रॉशर से मिली जानकारी के मुताबिक यहाँ की फीस पाँच हजार रुपए माह से लेकर 10 हजार रुपए प्रतिमाह तक है। हालांकि ये क्लास के हिसाब से कम और ज्यादा होती है।

फायर एनओसी के तय मानक

  • अगर क्लास रूम 45 से ज्यादा हैं तो हर क्लास में 2 दरवाजे हों।
  • ऊपर जाने के लिए 1.5 मीटर से लंबी सीढ़ी होगी।
  • 300 स्क्वायर मीटर में आग बुझाने के उपकरण लगे हों।
  • बेसमेंट में स्पिंकल का इंतजाम होना चाहिए।
  • आग पर काबू पाने के लिए 5 हजार लीटर की पानी टंकी हो।
  • स्कूल में स्मोक मैनेजमेंट सिस्टम होना चाहिए।
  • स्कूल में लगे बिजली के तार फायर प्रूफ से कवर होने चाहिए।
  • साथ ही बिल्डिंग में एग्जिट का साइन साफ-साफ लिखा हो।

इनका कहना..
इस सम्बंध में अग्रिबाण ने जब स्कूल प्रिंसिपल से बात करने को कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। मौजूदा स्टाफ ने भी कुछ स्पष्ट नहीं किया। फिलहाल नगर निगम ने स्कूल के फायर एनओसी आदेवन को निरस्त कर दिया है। जिसका आई क्रमांक 20210603 है।

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