7 हजार इंदौरियों का एंटीबॉडी टेस्ट 60 टीमें करेगी


– सीरो सर्वे के लिए कल देंगे ट्रेनिंग… वैन के साथ फिंगर टिप्स से भी लेंगे ब्लड सैम्पल
इंदौर। शहर के कितने लोगों में कोरोना से लडऩे के लिए एंटीबॉडी विकसित हो गई इसकी जांच के लिए सीरो सर्वे दिल्ली की तर्ज पर करवाया जा रहा है। इसके लिए 60 टीमें एमजीएम मेडिकल कॉलेज में गठित की हैं, जिसकी ट्रेनिंग कल दी जाएगी। लगभग 7 हजार इंदौरियों की टेस्टिंग के लिए ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे, जो वैन के साथ-साथ फिंगर टिप्स से भी लेंगे। 3-4 दिनों के बाद यह सर्वे शुरू होगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज को आज-कल में टेस्टिंग किट भी शासन की ओर से उपलब्ध करवा दी जाएगी और सर्वे के लिए आईसीएमआर की गाइडलाइन भी प्राप्त हो गई है।
कोरोना वैक्सीन से पहले हर्ड इम्युनिटी को भी बचाव का एक तरीका माना जा रहा है। दिल्ली में सीरो सर्वे के परिणाम अच्छे निकले, जहां पर अब कोरोना मरीजों की संख्या भी घटने लगी है। उसी तर्ज पर अब इंदौर में भी यह सीरो सर्वे करवाया जा रहा है, जिसकी अनुमति पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने दी थी। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक 60 टीमें यह सर्वे करेंगी, जो लगभग हर उम्र के लोगों के 7 हजार सैम्पल लेंगी। इससे यह पता चलेगा कि इंदौरियों में एंटीबॉडी कोरोना के खिलाफ विकसित हुई है अथवा नहीं। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल का कहना है कि इस सर्वे के लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है और 60 टीमें बनाई गई हैं, जिन्हें कल ट्रेनिंग दी जाएगी और टेस्टिंग किट मिलते ही अगले 3-4 दिन बाद यह सर्वे शुरू कर दिया जाएगा। इसमें दो तरह से ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे। एक तो परम्परागत तरीके से जो वैन के जरिए ब्लड लिया जाता है। उसके अलावा फिंगर टिप्स यानी उंगली के पोर भी ब्लड सैेम्पल लेंगे, ताकि दोनों तरह के सैम्पल की टेस्टिंग की जा सके। भविष्य में किए जाने वाले सर्वे में भी यह स्टडी काम आएगी, क्योंकि वैन की तुलना में फिंगर टिप्स से ब्लड लेकर टेस्ट करना ज्यादा आसान होता है। अभी जिस तरह शूगर के मरीज खुद अपना टेस्ट इसी तरह करते भी हैं। इस सीरो सर्वे से कोरोना संक्रमण के संबंध में यह पता लगेगा कि लोगों में प्रतिरोधक क्षमता यानी एंटीबॉडी कितनी विकसित हुई है। दरअसल कोरोना पॉजिटिव में तो यह एंटीबॉडी विकसित हो जाती है। वहीं कई लोग ऐसे हैं जो इसकी चपेट में तो नहीं आए, मगर उनके शरीर में यह एंटीबॉडी बन गई है। उसी का पता इस सर्वे से लगेगा। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों, निगमकर्मियों, पुलिस के अलावा अन्य लोगों के भी सैम्पल लिए जाएंगे। दुनियाभर में वैज्ञानिक वैक्सीन आने से पहले हर्ड इम्युनिटी को भी कोरोना से बचाव का एक जरिया मान रहे हैं, जिसमें आबादी का एक बड़ा हिस्सा संक्रमित होकर ठीक मान लिया जाता है।

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