75 फीसदी बिजली उपभोक्ताओं को मिल रही है 1 रु. यूनिट बिजली

ठंड में घरेलू बिजली सीमित  उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ी

इंदौर। सरकार द्वारा कम यूनिट बिजली की खपत पर सस्ती बिजली की योजना का लाभ ठंड के मौसम में लोगों ने जमकर उठाया, क्योंकि इस मौसम में कूलर, पंखे, एसी (cooler, fan, ac) जैसे इलेक्ट्रिक उपकरणों की आवश्यकता कम रहती है और घरों में बिजली का उपयोग भी सीमित रहता है, जिसका लाभ उठाते हुए उपभोक्ताओं ने रियायती बिजली पाई और जिले में 5 लाख 80 हजार उपभोक्ताओं ने मात्र 1 रु. यूनिट में  बिजली खर्च की।
इंदौर जिले में बिजली के घरेलू उपभोक्ता  तकरीबन 7,70,000 के करीब हैं। बिजली कंपनी की ओर से दावा किया गया कि ठंड के इस मौसम में 5,80,000 उपभोक्ताओं को रियायती बिजली दी जा रही है, यानी जिले के 75 फ़ीसदी उपभोक्ताओं को इस समय सस्ती बिजली मिल रही है।

अटल गृह ज्योति योजना से सस्ती बिजली

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक  अमित तोमर (Amit Tomar, Managing Director of Madhya Pradesh Western Region Power Distribution Company) ने बताया कि अटल गृह ज्योति योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं को नियमानुसार तीस दिन में 150 यूनिट तक बिजली खपत होने पर लाभ दिया जा रहा है। इसके तहत प्रथम सौ यूनिट बिजली एक रुपए यूनिट में सौ रुपए में प्रदान की जा रही है। तोमर ने बताया कि इंदौर जिले में एक माह के दौरान सबसे ज्यादा 5.80 लाख उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ लिया है। इन उपभोक्ताओं के बिल 100 रुपए से लेकर 530 रुपए तक आए हैं।

566 रु. की सब्सिडी ली लाखों लोगों ने

सभी पात्र उपभोक्ताओं को 566 रुपए माह तक की सब्सिडी मप्र शासन की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि इंदौर शहर के लगभग 4 लाख 6 हजार और इंदौर ग्रामीण क्षेत्र के करीब 1 लाख 74 हजार उपभोक्ता इस लोकप्रिय योजना के तहत विगत एक माह में लाभान्वित हुए हैं। लाभान्वितों की यह संख्या अब तक के रिकॉर्ड के हिसाब से सर्वाधिक है।

ठंड के मौसम में इंदौर शहर में हर दिन 80 लाख यूनिट बिजली की खपत

बिजली खपत की बात करें तो इंदौर शहर में तकरीबन 80 लाख यूनिट रोजाना बिजली की खपत दर्ज हो रही है, जो गर्मी के दिनों में 1.15 करोड़ यूनिट रोजाना के करीब पहुंचती है। जिले में बिजली खपत गर्मी के दौरान 1.50 करोड़ यूनिट रहती है, जो इस समय कम चल रही है। हालांकि सिंचाई में कृषि पंप से खेतों में फसलों को पानी देने के कारण बिजली की खपत अभी भी बनी हुई है।

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