95 वर्षीय ब्रिटेन की महारानी हुईं कोरोना पॉजिटिव

लंदन। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ-II (Queen Elizabeth II of England) का कोरोना वायरस का टेस्ट पॉजिटिव (corona virus test positive) आया है और उनमें हल्के, सर्दी जैसे लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, पैलेस की ओर से आए बयान में कहा गया है कि 95 वर्षीय ब्रिटिश महारानी अभी अपने विंडसर कैसल (Windsor Castle) में ही हैं और अगले कुछ दिनों तक सिर्फ सामान्य कामकाज (Normal functioning) ही करेंगी। इसके अलावा उन्हें नियमित तौर पर मेडिकल सुविधा दी जाएगी और सभी जरूरी गाइडलाइंस के पालन की भी देख रेख की जाएगी।

इंग्लैंड में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को वर्तमान दिशानिर्देशों के तहत 10 दिनों के लिए आइसोलेशन (isolation) में रहना होता है। महारानी के बेटे प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला भी इस महीने की शुरुआत में कोविड से संक्रमित पाए गए थे। प्रिंस चार्ल्स ने कोविड संक्रमित होने से दो दिन पहले महारानी एलिजाबेथ से विंडसर कैसल में मुलाकात की थी। संक्रमित होने से पहले प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) ने लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में एक बड़े कार्यक्रम के दौरान दर्जनों लोगों से मुलाकात की थी।

इसी महीने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कहा था कि प्रिंस चार्ल्स के महाराज बनने पर ‘डचेज ऑफ कॉर्नवाल’ कैमिला महारानी होंगी। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने राष्ट्र के नाम अपने ‘प्लेटिनम जुबली’ संदेश में कैमिला का समर्थन किया और शाही घराने के भविष्य को आकार दिया। महारानी ने अपनी ‘इच्छा’ जताते हुए कहा कि प्रिंस चार्ल्स के महाराज बनने पर कैमिला को ‘क्वीन कंसोर्ट’ के रूप में जाना जाएगा।

दुनिया की सबसे उम्र दराज और सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी की सेहत तब से सुर्खियों में है, जब उन्हें पिछले अक्टूबर में एक बीमारी के चलते अस्पताल (Hospital) में भर्ती होना पड़ा था। इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण दुनिया में यूरोप और ब्रिटेन काफी प्रभावित हुए हैं। पिछले साल ओमिक्रॉन वेरिएंट संक्रमण की वजह से यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। हालांकि अब ब्रिटेन में कोविड-19 केस में कमी आने के बाद कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। हालांकि अब भी दुनिया के तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे भी कोरोना वायरस के कुछ और वेरिएंट्स देखने को मिल सकते हैं इसलिए वैक्सीनेशन को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है।

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