लोकसभा चुनाव में दिल्‍ली के मौजूदा विधायकों को भी लड़ा सकती है AAP, देंखें कौन-कौन है टिकट की रेस में शामिल

नई दिल्‍ली (New Dehli)। इंडिया गठबंधन (india alliance)में सीट बंटवारे के बाद आम आदमी पार्टी (After Aam Aadmi Party)ने अपनी सीटों पर उम्मीदवारों (candidates)के नामों पर चर्चा के लिए मंगलवार को राजनीति मामलों की (of political affairs)समिति (पीएसी) की बैठक बुलाई है। इसमें दिल्ली की सात में से चार सीटों समेत अन्य राज्यों की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होगी। पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली की चार सीटों पर कई मौजूदा विधायक भी टिकट की रेस में शामिल हैं।

टिकट की दौड़ में करतार सिंह तंवर और सहीराम पहलवान भी शामिल : गठबंधन में दिल्ली की चार सीट पूर्वी, दक्षिणी, नई दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी के खाते में आई हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार एक-दो लोकसभा सीट पर विधायकों को उतार सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली से टिकट की दौड़ में विधायक करतार सिंह तंवर और सहीराम पहलवान शामिल हैं। वहीं, नई दिल्ली सीट से ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती, मेयर शैली ओबरॉय व शिवचरण गोयल का नाम चर्चा में चल रहा है।

इसी तरह पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा सबसे आगे चल रहे हैं। पूर्वी दिल्ली सीट से भी दीपक सिंगला समेत दो विधायक टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

इस तरह हुआ सीट बंटवारा

कांग्रेस और ‘आप’ के बीच हुई सीट शेयरिंग में ‘आप’ चार सीटों- नई दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, पश्चिम दिल्ली और पूर्वी दिल्ली पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि कांग्रेस उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक सीट पर चुनाव लड़ेगी। दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटें 2014 से भाजपा के पास हैं। 2019 के चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को प्रत्येक सीट पर कांग्रेस और ‘आप’ उम्मीदवारों की संयुक्त वोट से अधिक वोट मिले थे।

बता दें कि, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते रविवार को दिल्ली के लोगों से आगामी लोकसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील की ताकि उनकी आवाज संसद में सुनी जा सके।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा था, ‘‘लोकसभा चुनाव में दिल्ली से ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान कर उन्हें संसद में भेजिए। इससे दिल्ली के चारों ओर एक सुरक्षा कवच तैयार हो जाएगा और कोई भी उपराज्यपाल कुछ नहीं कर पाएगा।

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