सिर्फ इस एक्शन से रुक सकती हैं दुर्घटनाएं, धरना, रैली, प्रदर्शन

  • मिल सकता है ट्रैफिक जाम की समस्या से आराम, संस्कारधानी की पहचान में बढ़ सकती है शान

जबलपुर। हम कोई अनोखी बात नहीं कर रहे बल्कि संविधान में दर्ज यह वे नियम हैं जिनका देश के शासन-प्रशासन के साथ नागरिकों को भी दैनिक रूप से निर्वाह करना अनिवार्य है। लेकिन अमल करने के मामले में जबलपुर तीनों मोर्चों पर असफल नजर आता है। देश और प्रदेश की टॉप अवेयर और स्मार्ट सिटीज की रेस में शामिल जबलपुर शहर के प्रवेश मार्गों पर अव्वल तो शहर के स्थल मार्ग दूरी से संबंधित दृष्टि सूचना पटल (इन्फर्मेशन बोड्र्स)का अभाव है, दूसरे यदि कहीं भूलवश एनएच या नगर निगम के संबंधित विभाग ने यदि लगाए भी हैं तो वो अतिक्रमण से अट गए हैं।

इस एक्शन से रुक सकती हैं दुर्घटनाएं
प्रमुख सड़कों से लेकर गली-चौराहों के मुहाने जमा लिए गए टपरे अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। हाल ही में डंपर की चपेट में आकर जान गंवाने वाली मेडिकल स्टूडेंट का मामला इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। तीन मोर्चों के मामले में शासन-प्रशासन को गाहे-बगाहे कार्रवाई की इतिश्री परंपरा खत्म कर नियमित मौका मुआयना प्रक्रिया को आदत बनाना पड़ेगा। वहीं तीसरे पक्ष अतिक्रमण करने वाले नागरिकों को भी इस गंभीरता को समझना होगा कि उनकी छोटी सी लापरवाही, अन्य नागरिक के लिए जीवन-मरण का कारण बन सकती है।

इन टर्निंग पर टेंशन
ठीक नगर निगम के पास पुराना तीन पत्ती चौराहा, एमआरफोर सड़क संपर्क मार्गों पर अपार्टमेंट्स के पास अतिक्रमण कर सरकारी रास्ते किनारे खोली जा रही गुमटियां, यादव कॉलोनी टर्निंग पॉइंट्स, गढ़ा बाजार क्षेत्र, गोरखपुर, फुहारा क्षेत्र ट्रैफिक के मामले में टेंशन की मिसाल हैं। इन गुमटियों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकीं हैं साथ ही इनसे हर पल सड़क पर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।संस्कारधानी के इन अति व्यस्ततम मार्गों पर गाड़ी चलाना कुशल वाहन चालकों के लिए भी कई बार टेढ़ी खीर साबित होता है। शहर के इन स्थलों को चिह्नित किया जाना जरूरी हो गया है। ट्रैफिक जाम और दुर्घटना का सबब बनने वाले अतिक्रमणकारियों को उपयुक्त स्थल पर ट्रांसफर कर रोजमर्रा की समस्या का स्थाई समाधान किया जा सकता है। नियमित वैधानिक कार्रवाई के साथ ही शहर वासियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तभी संस्कारधानी का दर्जा हकीकत में साकार होगा।

शहर में फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण के कारण यातायात पर दबाव की स्थिति निर्मित होती है। सुबह और शाम के समय के प्रमुख कुछ घंटों के दौरान कुछ समस्या होती है। कम स्टाफ के बावजूद यातायात को सुचारू रखने समुचित प्रयास किए जाते हैं। पीडब्लूडी और नगर निगम से सतत संपर्क रहता है।
प्रदीप शेंडे, एडिशनल एसपी ट्रेफिक

शहर में अतिक्रमण न हो शहरी एवं जोनल स्तर पर इस बात की सतत निगरानी की जाती है। नागरिकों द्वारा बताए गए स्थानों के साथ ही अमले द्वारा चिह्नित स्थलों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
सागर बोरकर, अतिक्रमण उन्मूलन अधिकारी, नगर निगम

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