अडानी का सबसे बड़ा फैन! दांव पर लगा रखे हैं 38 हजार करोड़, जानिए कौन है राजीव जैन?

नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं गौतम अडानी (Gautam Adani) का सबसे बड़ा फैन कौन है? ऐसा कौन सा शख्स है जिसने अपने 38 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की दौलत अडानी ग्रुप की 6 में कंपनियों (6 companies of Adani Group) में दांव पर लगाई हुई है. जी हां, ये फैन कोई और नहीं बल्कि जीक्यूजी के राजीव जैन (GQG’s Rajeev Jain) हैं. राजीव जैन ने अडानी ग्रुप के शेयरों में सिर्फ हिस्सेदारी ही नहीं बढ़ाई है, बल्कि ग्रुप की दूसरी कंपनियों में भी निवेश कर लिया है. राजीव जैन ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में तब निवेश करना शुरू किया जब कंपनियों के शेयर डूबे हुए थे और हर कोई अडानी ग्रुप में निवेश करने से कतरा रहा है.

अडानी एंटरप्राइजेज में जीक्यूजी पार्टनर्स की हिस्सेदारी 21 बीपीएस बढ़कर 2.95 फीसदी हो गई, जबकि अडानी पोर्ट्स में यह 23 बीपीएस बढ़कर 3.76 फीसदी हो गई। अडानी ग्रीन एनर्जी में, जीक्यूजी ने अपनी हिस्सेदारी 13 बीपीएस बढ़ाकर 3.68 फीसदी हो गया। तिमाही के दौरान जैन की टीम ने अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी पॉवर और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर भी खरीदे. अडानी के सभी छह शेयरों में जीक्यूजी की हिस्सेदारी की कुल वैल्यू कुसितंबर तिमाही के अंत में 25,024 करोड़ रुपए से बढ़कर 38,154 करोड़ रुपए (12 जनवरी को) हो गई है.

राजीव जैन ने मार्च 2023 में हिंडनबर्ग विवाद के पीक के दौरान अडानी शेयरों में निवेश किया था. मार्च की शुरुआत में अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपए का अपना पहला निवेश किया था. उस दौरान राजीव जैन अडानी ग्रुप के शेयरों के लिए कहा था कि अगले 5 सालों में मल्टीबैगर तक हो सकते हैं. जैन के अनुसार अडानी की स्टोरी में जितना सोचा गया था उससे कहीं कम पॉलिटिकल रिस्क है. जैन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अडानी ग्रुप की कंपनियों का मुकाबला ऐसी सरकारी कंपनियों के साथ मुकाबला है जो काफी स्लो है, जोकि पॉलिटिकल रिस्क को काफी कम करता है.

दूसरी ओर, भारत के सबसे बड़े डॉमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर एलआईसी ने दिसंबर तिमाही में अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी इंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स से काफी प्रॉफिट कमाया है. हालांकि निवेशकों ने अडानी बनाम हिंडनबर्ग मामले की जांच सेबी के अलावा किसी दूसरी एजेंसी को ना सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ग्रुप के लिए क्लीनचिट माना है, लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ है. सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की 24 जांचों में से 22 पूरी कर ली हैं और अब सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से दो लंबित जांचों को अगले 3 महीनों में पूरा करने को कहा है.

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