चोईथराम ट्रस्ट घपले में प्रशासन ने थमाया दूसरा नोटिस, 80 लाख की राशि बिना अनुमति म्यूचुअल फंड में जमा

इंदौर। चर्चित चोईथराम (Choithram) और उससे जुड़े ट्रस्ट में हुई गड़बडिय़ों की जांच प्रशासन (Administration) द्वारा करवाई जा रही है। अभी दूसरा नोटिस (Notice) रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी सतीश मोतियानी को जारी किया गया, जिसमें 80 लाख रुपए की राशि बिना अनुमति म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में जमा करवाने के साथ ही शासन के अलावा देशी-विदेशी संस्थाओं से प्राप्त राशि सहित अन्य जानकारियां मांगी गई है। मोतियानी की ओर से प्रस्तुत आधे-अधूरे जवाब के बाद यह दूसरा नोटिस (Notice) जारी करते हुए 16 नवम्बर को सुनवाई की तारीख तय की गई है, जिसमें दस्तावेजों के साथ जानकारी मांगी गई है।

चोईथराम फाउंडेशन (Choithram Foundation) के मुख्य ट्रस्टी लेखराज पगारानी ने पिछले दिनों प्रशासन को शिकायत की, जिसमें मैनेजिंग ट्रस्टी सतीश मोतियानी पर गंभीर आरोप लगाए गए। वित्तीय अनियमितताओं के साथ गैर कानूनी चार ट्रस्टियों की नियुक्ति के मामले में कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने जांच शुरू करवाई और एसडीएम तथा रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट प्रतुल्ल सिन्हा ने नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा, जिस पर मोतियानी की ओर से 8 नवम्बर को जो जवाब दिया गया वह आधा-अधूरा और दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत नहीं किया गया, जिस पर रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट कार्यालय ने एक और नया नोटिस मोतियानी को जारी किया है। इस नोटिस (Notice)  में युक्तियुक्त जवाब प्रस्तुत ना करने के साथ किन परिस्थितियों में अतिरिक्त ट्रस्टियों की नियुक्ति की गई उसके खुलासे के साथ यह भी पूछा है कि ट्रस्ट को शासन के साथ-साथ देशी-विदेशी संस्थाओं से कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई। बिना टेंडर 5 हजार रुपए से अधिक के मरम्मत या अन्य कार्य ट्रस्ट नहीं करवा सकता। जबकि लाखों रुपए के कार्य बिना अनुमति करवा लिए और 80 लाख रुपए की राशि बिना अनुमति म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में भी जमा करवा डाली, उसकी भी जानकारी नोटिस (Notice)  में मांगी गई। ट्रस्ट ने किन संस्थाओं और सम्पत्तियों में निवेश किया तथा उस संबंध में अनुमति ली अथवा नहीं, उसकी जानकारी के साथ 16 नवम्बर प्रकरण की सुनवाई के लिए तारीख नियत की गई है अन्यथा ट्रस्ट अधिनियम 1951 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

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