MP के इस जिले में प्रशासन ने पटाखा बाजार की सभी दुकानें की सील

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर Jabalpur of Madhya Pradesh() शहर के पटाखा बाजार की सभी दुकानों को सील (All shops of firecracker market sealed) कर दिया गया है. हरदा में पटाखा फैक्ट्री (Firecracker factory in Harda) की घटना से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार (7 फरवरी) से सख्ती शुरू कर दी है. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (Collector and Superintendent of Police) ने रांझी, कठौंदा और अन्य स्थलों पर पटाखा दुकानों, गोदामों का निरीक्षण किया. कठौंदा के मुख्य पटाखा बाजार की सभी 41 पटाखा दुकानों में गंभीर लापरवाही देखने को मिली. हैरानी की बात ये है कि सालों से नियमों को ताक पर रख चल रहे है इस पटाखा बाजार पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाहियों पर नजर नहीं पड़ी.

कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बुधवारको खुद जिले में स्थित पटाखा और विस्फोटक पदार्थों के निर्माण स्थलों, गोदामों, विक्रय केंद्रों की जांच की. इस दौरान दोनों अधिकारी कठौंदा स्थित पटाखा बाजार पहुंचे, जहां 41 यूनिट्स (दुकानें) पटाखा का विक्रय करते हैं. जांच के दौरान किसी भी यूनिट को लाइसेंस की शर्तों का पालन करते नहीं पाया गया. साथ ही रिकॉर्ड मेंटेनेंस भी समुचित रूप से नहीं किया गया था.

सुरक्षा के समुचित उपाय न होने, फायर एनओसी और रिकॉर्ड मेंटेनेंस सहित कई कमियां पाए जाने पर कलेक्टर सक्सेना ने संबंधित एसडीएम को इन पटाखे की दुकानों को सील करने के निर्देश दिए. देर रात एसडीएम शिवाली सिंह और उनका स्टाफ इस कार्रवाई को अंजाम देता रहा. जांच के दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि दुकानदार अगर लाइसेंस की शर्तों का पालन नहीं करते हैं, तो दुकानें संचालित नहीं होंगी. जो सही काम कर रहे हैं, वे ही दुकान संचालित कर पाएंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि शर्तों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित हो, जिससे कोई अवांछित घटना न घटे.

कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने मानेगांव पहुंचकर फुलझड़ी फैक्ट्री की भी जांच की. यहां पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का क्लियरेंस नहीं पाया गया. उन्होंने संबंधित एसडीएम से कहा कि साढ़े 6 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री का मेजरमेंट करके डॉक्यूमेंट्स और लाइसेंस के साथ अप्रूव नक्शा देखें. साथ ही जो भी संदेहास्पद है, जांच करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें. इस दौरान अपर कलेक्टर मिशा सिंह के साथ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे.

यहां बताते चले कि जबलपुर जिले में 137 पटाखा और विस्फोटक पदार्थों से संबंधित दुकान या गोदाम हैं, जिनके पास लाइसेंस हैं. सभी की सघन जांच की जा रही है. बुधवार को 123 लाइसेंसधारियों की जांच की गई जिनमें से 48 मामलों में अनियमितता पाई गई. जांच के दौरान 38 दुकान बंद मिली. इसी तरह जबलपुर शहर में पटाखा के 84 होलसेलर हैं, जबकि पटाखा बनाने वाले 21 हैं.

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