मुस्लिम नेताओं को नसीहत, कम से कम अपने परिवार और आसपास के लोगों के वोट तो दिलवाओ

  • अल्पसंख्यकों के वोटों के लिए भाजपाइयों के प्रयास
  • दो पुराने और एक वर्तमान नगर अध्यक्ष को बुलाकर कहा- जहां रहते हो वहां के वोट नहीं मिलते

इंदौर (Indore)। कल भाजपा कार्यालय दीनदयाल भवन (Deendayal Bhawan) पर मुस्लिम नेताओं को बुलाकर नगर अध्यक्ष ने मोर्चा की हकीकत बताई तो पदाधिकारी बगलें झांकने लगे। उन्होंने पदाधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि कम से कम अपने परिवार और आसपास के लोगों से तो संपर्क करके भाजपा के पक्ष में वोट दिलवाएं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आप योजनाओं का लाभ दिलाते हो, उन्हें पार्टी से जोड़ो, ताकि उसका फायदा संगठन को मिले। इस पर मुस्लिम नेता हां में हां मिलाते रहे।

शहर में भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा एक तरह से निष्क्रिय ही पड़ा हुआ है। आपसी गुटबाजी में मोर्चे के पदाधिकारी पार्टी के काम कर नहीं पाते हैं और इससे संगठन का नुकसान होता है। भाजपा को मोर्चे का फायदा मिले, इसके लिए प्रदेश मंत्री बबलू खान, पूर्व नगर अध्यक्ष नासिर शाह, मंजूर अहमद, वर्तमान नगर अध्यक्ष शेख असलम सहित महामंत्री कलीम खान को कल नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने भाजपा कार्यालय बुलाया था। बंद कमरे में हुई बैठक में रणदिवे ने पांचों नेताओं को संगठन में सक्रिय हो जाने की बात कही और कहा कि कम से कम मोर्चे के काम तो सामने नजर आएं। सूत्रों के अनुसार उनसे मुस्लिम वार्डों में मिलने वाले वोटों को लेकर सवाल किए गए और पूछा कि भाजपा द्वारा इतनी योजनाओं का लाभ दिलाया जाता है, उसके बावजूद वोट क्यों नहीं मिलते हैं तो वे बगलें झांकने लगे।

इंदौर में करीब 170 मुस्लिम बूथ हैं, जिनमें 1, 3, 4 और 5 नंबर विधानसभा में इनकी संख्या ज्यादा है। रणदिवे ने कहा कि अपने परिवार और जहां रहते हो वहां आसपास के वोट तो आपको दिलाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता। उन्होंने नगर अध्यक्ष असलम से कहा कि बूथ पर प्रभारी और सहप्रभारी बनाओ और उनका डाटा इका करो। लोगों को बताओ कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है। इस पर एक पदाधिकारी ने कहा कि पुराने लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो शुरू से भाजपा से जुड़े हैं। इस पर रणदिवे ने कहा कि पुराने लोगों को साथ लेकर ही हमें काम करना है, ताकि उनके अनुभव का लाभ मिल सके। एक सवाल यह भी उठा कि जब भी कोई प्रदेश का या राष्ट्रीय पदाधिकारी आता है तो उसके स्वागत में कार्यालय पर 10 से 15 लोग ही इका होते हैं, इससे भी ऊपर गलत संदेश जाता है। रणदिवे ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि अल्पसंख्यक इलाकों में सरकार की योजनाओं के पर्चे तक नहीं बंट पाए हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। लंबे समय बाद पदाधिकारियों की बैठक के बाद अब मोर्चा के सक्रिय होने की संभावना है।

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