आखिर कौन है डीएसपी मैडम, जो अपने ड्राइवर के पेटीएम पर 5000 ट्रांसफर करवाती है!

  • मोबाइल चोरी में फं साने की बात करके रांझी थाने के एसआई ने लॉ छात्र को ठगा

जबलपुर। हेलो मैं डीएसपी होशंगाबाद बोल रहीं हूं यह मेरे ड्राइवर का बार कोड है तुम 5000 इसमें डाल दो ऐसी ही रिकॉर्डिंग लेकर एक पीडि़त पुलिस अधीक्षक ऑफिस पहुंचा पीडि़त के अनुसार मोबाइल चोरी के मामले में फंसाने को लेकर रांझी थाने के एएसआई ने उसे डरा धमका कर 5000 के लिए थाने के एसआई ने बाकायदा तथाकथित महिला को होशंगाबाद डीएसपी बताकर पीडि़त से बात करने कहा जिसके बाद महिला डीएसपी में अपने ड्राइवर का नंबर देकर उस पीडि़त को 5000 ट्रांसफर करने कहा। डरे हुए पीडि़त ने 5000 ट्रांसफर करने के बाद जब मामला अपने परिचितों को बताया तो चर्चा करने के बाद उसे यह घटना संदिग्ध नहीं और अपने आप को ठगा हुआ महसूस करने के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे जहां पर मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने घटना को लेकर तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं और इसकी जांच एडिशनल एसपी को सौंपी है।

क्या है मामला
प्रार्थी अंकित यादव उम्र लगभग 22 वर्ष पिता दीपचंद यादव निवासी करौंदी वार्ड नंबर 7 रांझी का निवासी है जो कि एलएलबी का विद्यार्थी है। अंकित यादव द्वारा रांझी थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं अंकित के अनुसार दिनांक 14/07/2022 गुरुवार रात्रि 3:30 बजे अंकित के निवास पर एएसआई लेखमणि मरकम के नेतृत्व में पांच अन्य पुलिसकर्मी आकर कहने लगे कि तुम्हे होशंगाबाद पुलिस उठाने आई है ।परिवार की फ ोटो व दस्तावेज और दुकान गाड़ी की फ ोटो खींच ली व उसके बाद 3:30 बजे रात में अरेस्ट करने की धमकी दी । अंकित द्वारा जब अरेस्ट वारंट मांगा गया तो पुलिस ने कहा थाने चलों वहां पर आपको होशंगाबाद थाने ले जाया जाएगा । सुबह 9:00 बजे अंकित थाना रांझी में एएसआई लेखमणि के समक्ष उपस्थित हुआ जिसके बाद एएसआई ने कहा तुम्हें होशंगाबाद से डीएसपी मैडम काल करेंगी।
इसके उपरांत अंकित के नंबर पर एक नंबर से कॉल आ रहा था और एएसआई लेखमणि मरकम दुद्वारा अंकित का मोबाइल नंबर डी एस पी मेडम को व्हाट्सप्प पर भेजा गया था। डीएसपी मैडम होशंगाबाद से कॉल कर रही है तो अंकित ने फोन उठाया जिसके किसी महिला की आवाज आई और उसने खुद को डीएसपी पुलिस होशंगाबाद का बताकर अंकित को मोबाइल चोरी में संल्लिप्त होना बताया । तथा मामले की जांच से बचने के लिए नंबर व बारकोड़ दिया जिसके बाद अंकित ने भयभीत होकर एएसआई लेखमणि से मदद की गुहार लगाई लेकिन उनके द्वारा डरा धमकाकर अंकित को कहा गया कि जैसा मैडम कह रही है वैसा करो जिसके बाद पीडि़त ने उस बारकोड में 5000 रुपए ऑनलाइन जमा कर दिए ।

एसआई बोला-पैसे जमा कर दिए अब नहीं आएगा कॉल
पैसा जमा करने के बाद अंकित को एएसआई लेखमणि द्वारा कहा गया पैसे जमा कर दिए हैं अब तुम्हारे पास कोई कॉल नहीं आएगा आप घर जाओ।

मामला लगा संदिग्ध तो पहुंचा एसपी ऑफि स
अंकित ने यह बात जब अपने परिचित से बताई तो वह डीएसपी मैडम का नंबर को फर्जी पाया तब अंकित को समझ आया कि उसके साथ ठगी की गई है । पीडि़त ने आरोप लगाया कि तथाकथित फर्जी डीएसपी होशंगाबाद मैडम व रांझी थाने के एएसआई संलिप्त है ।

मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है एडिशनल एसपी को मामले की जांच सौंपी गई है जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही जरूर होगी
सिद्धार्थ बहुगुणा, पुलिस अधीक्षक जबलपुर

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