सभापति के बाद अब एमआईसी के लिए जोड़तोड़

  • भाजपा के 36 पार्षदों में 10 पुराने और 26 नए
  • एमआईसी में 10 पद-इसके अलावा एक पद उपनेता पक्ष व 1 लोक लेखा समिति अध्यक्ष
    पार्षद दल महामंत्री सचेतक तथा पाँच जोन अध्यक्ष मिलाकर कुल 19 पद और 36 दावेदार

उज्जैन। नगर निगम अध्यक्ष का निर्वाचन होने के बाद भाजपा के पार्षद एमआईसी में स्थान पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ पार्षदों को तो लिया ही जाएगा लेकिन कल नए नवेले इस प्रयास में है कि उन्हें एमआईसी में जगह मिल जाए और वे नगर सरकार में मंत्री बन जाए। बताया जाता है कि एमआईसी के नाम भी लगभग तय हो चुके हैं और इसमें भी केबिनेट मंत्री मोहन यादव का दबदबा रहेगा। नगर निगम में सभापति का निर्वाचन कल संपन्न हो गया है। अब सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए एमआईसी का गठन किया जाएगा। इसी के अलावा जोन अध्यक्ष और अन्य पद मिलाकर कुल 19 पद नगर निगम में और बचे हैं जिनमें पार्षद उपकृत होंगे।


इस बार भाजपा के बहुत ज्यादा 37 पार्षद जीत कर आए जो बहुमत से करीब 10 अधिक है, वहीं एमआईसी सदस्य बनाने की संख्या सिर्फ 10 है। यहाँ यदि पार्षदों की सूची पर गौर किया जाए तो पुराने वरिष्ठ पार्षदों में 10 पार्षद दो-तीन और चार बार चुनाव जीत कर आए हैं। पार्टी इन वरिष्ठ 10 पार्षदों को एमआईसी में स्थान देगी या जो 26 पार्षद नए चेहरों के रूप में नगर निगम में आए हैं उनमें से किसी को स्थान देगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन एमआईसी सदस्य बनने के लिए सभी पार्षदों ने लॉबिंग शुरू कर दी है। विधायक, सांसद, मंत्री और नगर अध्यक्ष तथा महापौर बैठक कर एमआईसी के 10 नाम तय करेंगे, वहीं सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पार्षद दल के महामंत्री सचेतक और उपनेता पक्ष बनाए जाएँगे। कल तीन सदस्यों को अपील समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है, वहीं सभापति के रूप में भी पार्षद कलावती यादव को चुना गया है। इस प्रकार अब भी 33 पार्षद ऐसे हैं जिन्हें विभिन्न पदों की तलाश है और संगठन के पास सिर्फ देने के लिए आप 19 पद बचे हैं।

वरिष्ठ पार्षदों की सूची
दुर्गा शक्ति सिंह चौधरी, प्रकाश शर्मा, योगेश्वरी राठौर, सत्यनारायण चौहान, रामेश्वर दुबे, शिवेंद्र तिवारी, रजत मेहता, योगेश गब्बर भाटी, श्रीमती लीला वर्मा दिलीप परमार। इन 10 वरिष्ठ पार्षदों के नाम के अलावा 26 पार्षद नए चेहरों के रूप में दोनों विधानसभा में जीत कर आए हैं। वैसे भाजपा में इन दिनों नए चेहरों को अधिक स्थान दिया जा रहा है। ऐसे में कुछ नए चेहरों को भी यदि स्थान दिया गया तो पुराने वरिष्ठ पार्षदों को जोन अध्यक्ष या अन्य स्थानों पर पद लेकर संतोष करना पड़ेगा।

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