AGI: मार्क जुकरबर्ग का आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस पर बड़ा दांव

नई दिल्ली (New Delhi)! टेक्नोलॉजी जगत में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लगातार चर्चा में है. वहीं, आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) आज के दौर में मौजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) का ज्यादा पावरफुल वर्जन होगा. इसे एआई के अगले लेवल के रूप में देखा जा रहा है. ओपनएआई (OpenAI) का घोषित मिशन इस आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस का निर्माण करना है.
गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind) के को-फाउंडर और सीईओ डेमिस हसाबिस का भी यही लक्ष्य है. अब मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग इस रेस में शामिल हो रहे हैं. हालांकि उसके पास इसकी कोई टाइम लाइन नहीं है कि एजीआई कब तक पहुंचेगा या यहां तक कि इसकी कोई सटीक परिभाषा भी नहीं है. मेटा का एआई रिसर्च ग्रुप FAIR मेटा के ऐप्स में जनरेटिव एआई प्रोडक्ट्स बना रहा है. मेटा का लक्ष्य एआई सफलताओं को उसके अरबों यूजर्स तक सीधे पहुंचाना है.

द वर्ज को दिए एक इंटरव्यू में जुकरबर्ग ने कहा, “हम इस विचार पर पहुंचे हैं कि जो प्रोडक्ट्स हम बनाना चाहते हैं, उन्हें बनाने के लिए हमें जनरल इंटेलिजेंस का निर्माण करना होगा. मुझे लगता है कि यह बताना अहम है क्योंकि बहुत से सर्वश्रेष्ठ रिसर्चर्स अधिक महत्वाकांक्षी समस्याओं पर काम करना चाहते हैं.”


एआई टैलेंट के लिए लड़ाई
एआई टैलेंट के लिए लड़ाई इतनी भयंकर कभी नहीं रही. इस क्षेत्र की हर कंपनी रिसर्चर्स और इंजीनियर्स के एक बेहद छोटे समूह के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही है. जरूरी विशेषज्ञता वाले लोग सालाना 1 अरब डॉलर से अधिक का आकर्षक मुआवजा पैकेज प्राप्त कर सकते हैं. वे कहते हैं, ”हम टैलेंट के बीच बहुत तीव्र युद्धों के आदी हो चुके हैं. लेकिन यहां अलग-अलग डॉयनामिक्स हैं क्योंकि कई कंपनियां एक ही प्रोफाइल के लिए जा रही हैं और बहुत सारे VCs और लोग अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर पैसा लगा रहे हैं, जिससे लोगों के लिए बाहरी तौर पर अलग-अलग चीजें शुरू करना आसान हो गया है.”

टैलेंट के बाद एआई फील्ड में सबसे दुर्लभ रिसोर्स बड़े मॉडलों को प्रशिक्षित करने और चलाने के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग पावर है. इस विषय पर जुकरबर्ग लचीलेपन के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि इस साल के अंत तक मेटा के पास चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया (Nvidia) के 3,40,000 से अधिक एच100 जीपीयू (H100 GPU) होंगे.

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