महिलाओं पर एसिड अटैक के खतरे को लेकर अलर्ट करेगी AI

लखनऊ (Lucknow)। बोतल या ग्लास में एसिड (acid in bottle or glass) लेकर हमले की मंशा हो या फिर महिलाओं पर हमले की घटना, आर्टिफिशिलय इंटेलिजेंस (AI) इसके खतरे को भांपकर तत्काल अलर्ट (instant alert) जारी करेगी। मदद के लिए किसी महिला के उठाए गए हाथ को भी एआई चिन्हित कर एसओएस सिग्नल को जारी कर देगी। ये तकनीक जल्द ही सेफ सिटी परियोजना का हिस्सा बनने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष हाल ही में सेफ सिटी परियोजना को लेकर दिए गए प्रस्तुतिकरण में इस तकनीक को लखनऊ में लागू करने की बात कही गई है।

बता दें कि सेफ सिटी परियोजना के तहत समस्त सरकारी और निजी सीसीटीवी को जोड़ा जाना है। तत्पश्चात इसे 112 यूपी से एंटीग्रेट कर महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने की तैयारी है।


आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस इसका महत्वपूर्ण अंग बनाया गया है। इसकी मदद से महिलाओं की सुरक्षा के खास इंतजाम होंगे। महिलाओं की चेन, पर्स, गहने लूटने वालों की गाड़ियों की नंबर प्लेट को इसकी मदद से चिन्हित कर लिया जाएगा। भीड़भाड़ वाले और सूनसान इलाकों में महिलाओं का पीछा करने वालों की पहचान की जा सकेगी। स्कूल-कॉलेजों के पास मादक पदार्थ बेचने वाले और नियमित रूप से घूमने वालों को चिन्हित किया जा सकेगा। इसी तरह अश्लील साहित्य बांटने वाले, बस स्टाप में लाइन में लगी महिलाओं को धक्का देने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी। वहीं, यौन शोषण के आरोपियों के जेल से पेरोल, जमानत आदि पर छूटने पर अलर्ट जारी होगा। नेशनल डाटाबेस में ऐसे व्यक्तियों का चेहरा भी दर्ज किया जाएगा।

एआई की मदद से सड़कों पर स्टंट करने वाले, लोगों के समूह और गाड़ियों द्वारा रास्ता ब्लॉक करने करने वालों की पहचान की जा सकेगी। पुल, फ्लाईओवर, रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या का प्रयास करने वालों को भी चिन्हित किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, लापता लोगों का डाटाबेस में दर्ज विवरण के जरिए उनकी पहचान की जा सकेगी। सड़क दुर्घटना और किसी भी वारदात के दौरान हुए घटनाक्रम का एनालिसिस भी हो सकेगा।

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