UP के सभी गरीब बुजुर्गों को मिलेगी पेंशन, योगी सरकार ने अधिकारियों को दिया ये आदेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के सभी पात्र गरीब बुजुर्गों को पेंशन देने वाली है। सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को इस बाबत दिशानिर्देश दे दिए गए हैं। बता दें कि ऑनलाइन पोर्टल के लिए लोग इस पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि सरकार का लक्ष्य 56 लाख वृद्धों को योजना का लाभ देना है। वर्तमान में 52.77 लाख योजना के दायरे में वृद्धों को पेंशन दी जा रही है। इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे जो वृद्धि जीवनयापन कर रहे हैं, उन्हें सरकार आर्थिक सहायता देगी। शासन ने विभागीय अधिकारियों को विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर के माध्यम से वृद्धों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है। तय लक्ष्य से ज्यादा पात्र गरीब वृद्ध अगर मिलते हैं तो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

बता दें कि योगी सरकार राज्य में लगातार विकास की दिशा में काम करने में जुटी हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों राज्य में निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा की थी। इस समीक्षा के बाद सीएम योगी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। सीएम योगी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि राज्य चल में चल रही निर्माणाधीन परियोजनाएं अगर तय समय पर पूरी नहीं हुईं तो इसपर पेनाल्टी का भुगतान करना होगा। अगर पेनाल्टी तीन बार से अधिक लगी तो ठेका लेने वाली फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि राज्य में एक साथ 13 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जाएगा। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि आगामी सत्र से 13 नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में एडमिशन की प्रक्रिा शुरू हो, इसके लिए तैयारी पूरी हो जानी चाहिए।

सीएम योगी ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया कि वो निर्माणाधीन परियोजनाओं की पाक्षिक समीक्षा करें। अगर काम में देरी से लागत बढ़ती है तो परियोजनाओं के लिए बजट का पुनरीक्षण नहीं होगा। नए सत्र से अपने ही परिसर से अलीगढ़, सहारनपुर और आजमगढ़ के राज्य विश्वविद्यालय संचालित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनहित से संबंधित निर्माण परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने को लेकर निर्देश जारी किया गया है। साथ ही विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों संग हुई बैठक में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स की समयबद्धता और गुणवत्ता की समीक्षा करने को कहा गया है, जिससे किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से इसका पालन होना चाहिए।

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