BJP-TDP: 2019 में टूटा था गठबंधन, लोकसभा चुनाव 2024 में होगी वापसी

नई दिल्‍ली (New Dehli)। आंध्र प्रदेश में भाजपा (BJP in Andhra Pradesh)और तेलगुदेशम पार्टी (telugudesam party) के बीच गठबंधन लगभग (alliance approx)तय हो गया है। जन सेना पार्टी पहले से ही एनडीए (NDA)में है। भाजपा, तेलुगुदेशम एवं जन सेना के नेताओं (Jana Sena leaders)ने गुरुवार देर रात साथ चुनाव लड़ने का फैसला (decision to contest elections)किया है। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह के साथ तेलुगुदेशम के नेता चंद्र बाबू नायडू एवं जनसेना के नेता पवन कल्याण भी मौजूद थे। अब केवल सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके पूरा होते ही गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी।

भाजपा के एनडीए के 400 पार के नारे की दिशा में तेलुगुदेशम का साथ आना काफी अहम है। आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में सीटों के बंटवारे में देर लग रही है। कुछ सीटों और उम्मीदवारों के नामों को लेकर भी भाजपा और तेलुगुदेशम में मतभेद है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा लोकसभा की 25 में से छह सीटें मांग रही है, जबकि तेलुगुदेशम चार सीट ही देने को तैयार है। इसी तरह विधानसभा में भी भाजपा की मांग 10 सीटों की है, जबकि तेलुगुदेशम छह सीटों पर ही तैयार है।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने लोकसभा की जिन सीटों पर अपना दावा रखा है उनमें राजमुंदरी, नरसापुरम, विजाग (विशाखापट्टनम), विजयवाड़ा, हिंदूपुर और अराकू की सीटें शामिल हैं। दूसरी तरफ तेलुगुदेशम राजमुंदरी, तिरुपति, राजमपेट और अराकू देने के पक्ष में है। जनसेना को दो सीटें देने की बात तय हुई है। विधानसभा में भाजपा ने दस सीटों पर दावा रखा है, जबकि तेलुगुदेशम कैकलुरु, धर्मावरम, विशाखा उत्तर, जम्मलमाडुगु, तिरुपति और दोनों गोदावरी जिलों में से एक सीट देना चाहती है।

2019 में टूटा था गठबंधन

भाजपा ने 2014 का चुनाव तेलगुदेशम के साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन 2019 में यह गठबंधन टूट गया था। 2019 में वाईएसआरसीपी को 49.89 फीसदी वोट के साथ 25 में से 22 सीटें मिली थी। तीन सीटें तेलुगुदेशम के हिस्से में 40.19 फीसदी वोट के साथ आई थी। जनसेना 18 सीटों पर लड़ी थी और 5.87 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा सभी 25 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन मात्र एक फीसदी से भी कम 0.98 फीसदी वोट ही मिल सके थे। ऐसे में तेलुगुदेशम भाजपा को ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है, लेकिन उसकी मजबूरी यह है कि वाईएसआरसीपी के मुकाबले के लिए उसे भाजपा का सहयोग जरूरी है। भाजपा को भी एनडीए की और अपनी ताकत बढ़ाने के लिए गठबंधन करने की जरूरत है।

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