Amit Shah’s Birthday : अमित शाह के कार्यकाल में भाजपा बनी विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी

नई दिल्‍ली (New Delhi)। राजनीति में माहिर रणनीतिकार अमित शाह (Amit Shah) ने ‘पंचायत से लेकर संसद’ तक भाजपा (BJP) को सत्ता में लाने के सपने को साकार करने की दिशा में काम किया। जुलाई 2014 में भाजपा अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद भाजपा (BJP) के विस्तार के लिये उन्होंने पूरे देश का दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को जी-जान से जुट जाने का संदेश दिया।

शाह ने पहली बार 1991 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का चुनाव प्रबंधन संभाला था। लेकिन, उनके बूथ प्रबंधन का करिश्मा 1995 के उपचुनाव में नजर आया, जब साबरमती विधानसभा सीट पर तत्कालीन उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे अधिवक्ता यतिन ओझा का चुनाव प्रबंधन उन्हें सौंपा गया। खुद यतिन का कहना है कि शाह को राजनीति के सिवा और कुछ नहीं दिखता।

शाह को 2019 के लोकसभा चुनावों में गांधी नगर सीट से जबरदस्त 5.50 लाख वोट मिले हैं। उन्हें गांधी नगर से जनता का ऐसा प्यार मिला कि उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। बता दें कि इस सीट से आडवाणी भी चुनाव लड़ चुके हैं।

राजनीति में आने से पहले अमित शाह सीनियर स्टॉक मार्कट इनवेस्टर हुआ करते थे। जैसे ही शाह का संपर्क मोदी से हुआ तो वह राजनीति के शंहशाह बन गए और अब उन्हें बीजेपी का चांणक्य कहा जाने लगा।

शतरंज खेलने से लेकर क्रिकेट देखने एवं संगीत में भी गहरी रुचि रखने वाले 54 साल के शाह पारिवारिक और सामाजिक मेल-मिलाप में बहुत कम वक्त जाया करते हैं। संगठन और प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी शाह ने पहली बार सरखेज से 1997 के विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमायी और 2012 तक लगातार पांच बार वहां से विधायक चुने गये। सरखेज की जीत ने उन्हें गुजरात में युवा और तेजतर्रार नेता के रूप में स्थापित किया और वह आगे बढ़ते गए।

2010 में सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में शाह जेल की सलाखों के पीछे भी जा चुके हैं। बाद में उन्हें गुजरात से दूर जाने की शर्त पर बेल मिली थी। इसके चार साल बाद ही शाह बीजेपी के प्रेसीडेंट बन गए। अब वह राजनीति में एक ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिसे पराजित करना शायद किसी के बस की बात नहीं है।

नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद शाह और अधिक मजबूती से उभरे। 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार की कैबिनेट में उन्होंने गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाला। जब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर आए तो उनके सबसे करीबी माने जाने वाले अमित शाह भी देश में भाजपा के प्रचार प्रसार में जुट गए। लिहाजा अब वह केंद्रीय मंत्री बन गए हैं।

अमित शाह का जन्म
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर, 1964 को श्रीमती कुसुमबेन और श्री अनिलचंद्र शाह के एक संपन्न गुजराती परिवार में हुआ। अमित शाह, सच्चें अर्थों में उदीयमान नए भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। विगत पांच वर्षों के दौरान अपने अग्रणी नेतृत्व में पार्टी के राज्य विधानसभा के चुनावों में एक के बाद एक जीत दिलाते हुए, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक आधार का उल्लेखनीय रूप से विस्तार किया है। उनके कार्यकाल में पार्टी विश्व की एक सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है जिसके 10 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत सदस्य हैं।
अमित शाह जमीनी स्तर से कार्य करते हुए, भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के मुखिया के तौर पर उभरे हैं। शुरुआत में, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और बाद में, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सक्रिय सदस्य बने और इसके बाद भाजपा, अहमदाबाद शहर के यूनिट सचिव बने। तत्पश्चात, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी, गुजरात के सचिव और उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली।
1997 में वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बने। अपनी लगन, दक्षता और सबसे बढ़कर सफल प्रदर्शन के द्वारा वे गांधीनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 1991 में लालकृष्ण आडवाणी, 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी जैसे राष्ट्रीय नेताओं के अनेक चुनावी अभियानों के प्रभारी बने। यह स्वाभाविक ही था कि जब श्री नरेंद्र मोदी ने 2001 में राजकोट-2 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का अपना पहला चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो अमित शाह एक बार फिर चुनावी अभियान के प्रमुख बनाए गए। चुनावी अभियानों के अलावा, अमित शाह संगठन से जुड़े हुए दायित्वों को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए भी जाने जाते हैं। 2013 में, उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया। उनके अथक प्रयासों से 2014 के संसदीय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की।

वे जुलाई, 2014 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और उसके बाद वे लगातार आगे बढ़ते गए। पिछले 5 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के संयुक्तत नेतृत्व में, भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश में सफलतापूर्वक सरकार बनाई। इसके साथ-साथ, सहयोगी दलों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड, महाराष्ट्र, असम, गोवा और मणिपुर जैसे राज्यों में एक बार फिर सत्ता में वापसी की है। भारतीय जनता पार्टी कुछ समय पहले जम्मू और कश्मीर और हाल ही में, बिहार, नागालैंड और मेघालय में सत्तारूढ़ गठबंधन में साझीदार रही है। अनेक गुणों के धनी, अमित शाह एक क्रिकेट प्रेमी, एक खिलाड़ी और एक ऐसे उत्सुक पाठक हैं जिनकी इतिहास और साहित्य में खास दिलचस्पी है। मूल रूप से एक आध्यात्मिक व्यक्ति अमित शाह की सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के प्रति गहरी श्रद्धा है। 22 फरवरी, 2016 में वे सोमनाथ ट्रस्ट, गुजरात के ट्रस्टी बने।

श्री अमित शाह द्वारा संभाले गए निर्वाचित पदों का विवरण-
पांच बार गुजरात विधानसभा के विधायक (1997-2017), अमित शाह लगातार चार चुनावों में सरखेज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और 2012 में नरनपुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। 2002 के गुजरात विधानसभा चुनावों में इतिहास रचते हुए, अमित शाह 1,58,0368 के रिकॉर्ड अंतर के साथ चुने गए। 2007 में, अपने चौथे लगातार चुनाव में, उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को 2,32,823 मतों के सबसे विशालतम अंतर से पराजित किया।
अमित शाह 19 अगस्त, 2017 को गुजरात राज्य से संसद के उच्च सदन राज्य सभा के लिए चुने गए।
2019 के आम चुनाव में अमित शाह ने गुजरात राज्य के 06-गांधीनगर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 5,57,014 के बड़े अंतर (70% वोट शेयर) के साथ विजय प्राप्त की है।
गुजरात राज्य विधानसभा के सार्वजनिक उपक्रम समिति के अध्यक्ष के रूप में सेवाएं प्रदान की।
दो कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी की सरकार में गृह राज्य मंत्री, पुलिस आवासन, सीमा सुरक्षा, नागरिक रक्षा, गृह रक्षक, ग्राम रक्षक दल, कारागार, मद्यनिषेध, उत्पाद शुल्क, परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया।
भारत के 367 जिला सहकारी बैंकों के लीड बैंक अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन के रूप में (22 जनवरी, 2000 से 22 दिसंबर, 2002 तक) कार्य किया। घाटे में चलने वाला यह बैंक लाभ अर्जित करने वाला बैंक बन गया और इससे शेयरधारकों को अपने निवेश का कुछ लाभांश मिलना शुरू हो गया। इसके अलावा, उन्होंने निष्क्रिय पड़े माधवपुरा मर्चेंटाइल कोऑपरेटिव बैंक के लिए 400 करोड़ का पुनरुद्धार पैकेज तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई। इस राशि को छोटे जमाकर्ताओं में वितरित कर दिया गया।
निदेशक- गुजरात स्टेट अर्बन कोऑपरेटिव बैंक फेडरेशन लिमिटेड।
निदेशक- नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक एंड क्रेडिट सोसायटी, दिल्ली।
निदेशक- अहमदाबाद सेंट्रल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड।
निदेशक- गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड।
निदेशक- गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड।
निदेशक- अहमदाबाद डिस्ट्रिक्टै कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड।
अध्यक्ष- गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन
अध्यक्ष- गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन (23 अप्रैल 2006 से 18 अप्रैल 2010 तक)
सदस्य- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड वित्त समिति (24 सितंबर 2009 से)
उपाध्यक्ष- गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (15 सितंबर 2009 से 13 जून 2014)
कार्यकारी सदस्य-सेंट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट, अहमदाबाद
सदस्य-भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कार्यकारी और कार्यसमिति
अमित शाह 22 फरवरी, 2016 से सोमनाथ ट्रस्ट गुजरात के ट्रस्टी हैं।

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