नीरज अंधोपिया, सुदीप्त शर्मा और शिखिल की नए ठिकानों पे आमद

कई पड़ाव थे मंजि़ल की राह में ताबिश
मिरे नसीब में लेकिन सफऱ कुछ और से थे।

आज जि़कर करेंगे उन सहाफियों (पत्रकारों) का जिन्होंने नए ठिकानों पे आमद दी है। पहले बात करेंगे भास्कर डिजिटल की। यहां सीनियर सहाफी नीरज अंधोपिया साब ने बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर ज्वाइन किया है। अंधोपिया साब पेले भास्कर में फ्रंट पेज इंचार्ज बी रे चुके हेँगे। वैसे इंन्ने स्वराज एक्सप्रेस और ईटीवी में भी काम किया है। भास्कर डिजिटल में कोई एक सवा महीना काम करने के बाद शिखिल ब्यौहार का मन उचाट हो गिया। भाई ने झां से रवानगी डाल दी। शिखिल ने दैनिक जागरण का दामन थामा है। ये वहां नगर निगम, जि़ला पिरशासन वगेरा देखेंगे।

इस बीट में इनकी महारत बी हेगी। किसी नितिन नामक बालक ने भास्कर डिजिटल को ज्वाइन किया है। नितिन जागरण से यहां आए हैं। उधर मनमौजी सहाफी कपिल तुलसानी के दैनिक जागरण ज्वाइन करने की खबर है। पता चला है कि गुजिश्ता दिनों भास्कर ने जिन नए बच्चों को फेलोशिप देके अखबार में लिया था उनमें से ज़्यादातर को रेगुलर कर दिया गया है। मालूम पड़ा है के इन नए सहाफियों को उम्दा सेलरी पे रखा गया है। अंदर की खबर ये है के भास्कर मैनेजमेंट भोत पुरानी चिरानो से निजात पाना चा रिया है। शाश्वत सुदीप्त शर्मा ने दैनिक भास्कर डिजिटल ओरिजनल को बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर ज्वाइन किया है। शाश्वत नोयडा में द क्विंट के हिंदी वर्टिकल की फाउंडिंग टीम में थे। मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले शाश्वत ने दिल्ली में सहाफत में अच्छा नाम कमाया। दिल्ली में आठ बरस बिताने वाकई सुदीप्त को प्रोफेशनल तेज़ी और उम्दा कॉपी के लिए जाना जाता है। आप सभी हजऱात को अपने नए काम की दिली मुबारकबाद।

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