Ayodhya: झील के सामने बनेंगे इको रिजॉर्ट्स, रहने के साथ खाने का लुत्फ भी उठा सकेंगे श्रद्धालु

अयोध्या (Ayodhya)। अब जल्द ही रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) में आने वाले श्रद्धालु झील के सामने इको रिजॉर्ट्स (Eco Resorts) में रहने खाने का लुत्फ उठा सकेंगे। जिला मुख्यालय से लगभग बीस किलोमीटर दूर सोहावल तहसील के 67 हेक्टेयर में फैले समदा झील (Samada Lake) के सामने एक बड़ी बाग में यह रिजॉर्ट्स विकसित किया जाएगा।

अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) इस इको रिजॉर्ट्स को विकसित करेगी। प्रयागराज की एक कंपनी को इसका टेंडर दिया गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। प्राधिकरण ने इसका वर्क आर्डर कंपनी को दे दिया है। 45 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बन रहे इस रिजॉर्ट में 100 कॉटेज बनाए जाएंगे। इस रिर्जाट में खाने पीने रहने के साथ ही सेहत के लिए प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र भी विकसित करने की योजना है।

केवल लकड़ी, मिट्टी और फूस से बनेगा कॉटेज
इस रिजॉर्ट की सबसे खास बात ये है कि इसमें सबकुछ इको फ्रेंडली होगा। पुराने समय के गांव की तरह मिट्टी, फूस, व फसलों के अपशिष्ठ के साथ इसे बनाया जाएगा। मूल ढांचा लकड़ियों से बनाया जाएगा। आम पर्यटकों को ग्रामीण इलाकों के बाग में बनाए जाने वाला माहौल देने की तैयारी है। एडीए के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि केवल रेस्टोरेंट की रसोई में ही कुछ स्थान पर कंक्रीट या अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।

कॉटेज के बाहर निकलते ही विदेशी पक्षी दिखेंगे
काटेज के सामने बने ऊंचे ऊंचे वाच टावर पर पर्यटक बड़ी दूरबीनों के सहारे समदा झील में आने वाले विदेशी पंक्षियों का नजारा भी ले सकेंगे। बताया जाता है कि विशेष मौसम में तो यहां कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी नजर आते हैं। इस समूचे इलाके में पक्षियों के रिहायश में कोई दिक्कत न हो इसके लिए काटेज के आसपास बेहद कम रौशनी रखने का भी इंतजाम किया गया है।

एडीए उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि समदा पक्षी विहार के सामने बाग में इसे विकसित किया जाएगा। हमारी कोशिश रहेगी कि इसमें प्रकृति से कोई छेड़छाड़ न हो। इको फ्रेंडली सामग्री से ही इसका निर्माण होगा। ताकि प्रवासी पक्षियों के आगमन में कोई व्यवधान न हो और टूरिस्ट उन दुर्लभ प्रजाति के मेहमानों को निहार सकें।

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