बाबा खाटूश्यामजी का फाल्गुन लक्खी मेला 11 मार्च से होगा शुरू, जानिए क्या होगा खास

सीकर (Sikar) । हारे के सहारे बाबा श्याम (Baba Shyam) को भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का अवतार माना जाता है. मान्यता है कि अगर कोई भक्त श्याम नगरी खाटूश्याम जी में जाकर हारे के सहारे बाबा श्याम के दर्शन करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है. ऐसे में हर भक्त श्याम आरती के समय लखदातार के दर्शन करना चाहता है. श्याम श्रद्धालुओं की आस्था के अनुसार आरती के समय बाबा के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है. बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला 11 मार्च से शुरू होने वाला है. इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु खाटूश्याम जी आएंगे और बाबा के दर्शन करेंगे. ऐसे में हर भक्त आरती के समय श्याम बाबा के दर्शन करना चाहता है.

खाटूश्यामजी मंदिर में एक दिन में पांच बार बाबा श्याम की आरती होती है. इन सभी आरतियों का समय अलग अलग होता है. इन सभी आरतियों में बाबा की विशेष आरती और श्रृंगार किया जाता है. मेले का समय चल रहा है इस वजह से 24 घंटे में दो बार बाबा का मन मोह लेने वाला विशेष आलौकिक श्रृंगार होता है. साल में ग्रीष्मकाल व शीतकाल समय के अनुसार अलग-अलग समय पर बाबा श्याम की आरती होती है. अभी फिलहाल शीतकालीन समय के अनुसार बाबा श्याम की पहली आरती अलसुबह 5.30 बजे और अंतिम पांचवी आरती रात्रि 9 बजे होती है.

बाबा श्याम का वार्षिक फाल्गुन लक्खी मेला 11 मार्च से शुरू होने वाला है. ये मेला 11 मार्च से शुरू होकर 21 मार्च को संपन्न होगा. श्याम बाबा का मुख्य मेला 20 मार्च को होगा. इस दिन धूमधाम के साथ बाबा श्याम का जन्मदिन मनाया जाएगा. ग्रीष्मकालीन आरती के अनुसार फिलहाल बाबा श्याम की आरती के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पूर्व निर्धारित समय के अनुसार ही मेले के दौरान बाबा श्याम की आरती होगी.

बाबा श्याम की पहली मंगला आरती सुबह 5:30 बजे होती है. दूसरी श्रृंगार आरती सुबह 8 बजे होती है। इस आरती में बाबा श्याम का फूलों और देव वस्त्रों से विशेष श्रृंगार किया जाता है. बाबा श्याम की तीसरी भोग आरती दोपहर में 12:30 बजे होती है। इस आरती में बाबा श्याम को गाय के दूध से बने विशेष प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. चौथी संध्या आरती शाम 6:30 बजे होती है। इसी आरती में सर्वाधिक भक्त बाबा श्याम के दर्शन करते हैं। क्योंकि भक्तों के लिए यह समय दर्शनों के लिए अनुकूल रहता है.

पांचवी और अंतिम शयन आरती होती है। यह रात 9 बजे होती है. इस आरती के बाद अगले दिन ही बाबा की आरती होती है. इस आरती के बाद भक्तों की संख्या बहुत कम होने के कारण कभी-कभी गर्भ गृहका पट्ट (दरवाजा) बंद कर दिया जाता है. हालांकि अभी मेला आने वाला है और भारी भक्तों की भीड़ भी उमड़ रही है तो इस समय 24 घंटे बाबा श्याम का मंदिर खुला रहेगा.

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