जमानत याचिका गलती से दायर की गई थी – आफताब अमीन पूनावाला


नई दिल्ली । श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड के आरोपी (Shraddha Walker Murder Accused) आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) ने साकेत अदालत को बताया कि (Told the Saket Court that) जमानत याचिका (Bail Application) गलती से (By Mistake) दायर की गई थी (Was Filed) , उसने वकालतनामा पर हस्ताक्षर किए थे (He had Signed the Vakalatnama), लेकिन जमानत अर्जी दाखिल करने के बारे में वह नहीं जानता था। आफताब को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी ने कहा कि अदालत को पूनावाला से ईमेल के जरिए सूचना मिली कि जमानत याचिका गलती से दाखिल कर दी गई है। हालांकि, जब अदालत ने उनसे पूछा कि क्या जमानत याचिका लंबित होनी चाहिए, तो पूनावाला ने कहा, मैं चाहूंगा कि वकील मुझसे बात करें और फिर जमानत याचिका वापस ले लें। शुक्रवार को पूनावाला ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। अदालत ने 9 दिसंबर को पूनावाला की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी। उसे 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।

सूत्रों ने बताया कि महरौली के जंगल में बरामद शव के अंगों से उसके पिता के सैंपल्स से डीएनए मिलाया गया। जिसके बाद हत्या की क्रूरता की आधिकारिक पुष्टि हुई। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा था कि पुलिस को केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से डीएनए टेस्ट रिपोर्ट और रोहिणी के एफएसएल से पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त हुआ है।

पूनावाला का पोस्ट-नार्को टेस्ट 2 दिसंबर को हुआ था। एफएसएल अधिकारियों द्वारा तिहाड़ जेल के अंदर उसका परीक्षण किया गया था। पूनावाला की पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट बुधवार को फॉरेंसिक साइंसेज लैब (एफएसएल) द्वारा पुलिस को सौंपी गई। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की टीमों ने शव के 13 अंग बरामद किए थे। छतरपुर घर के बाथरूम और रसोई से भी ब्लड के सैंपल बरामद किए गए, जहां पूनावाला और वॉल्कर दोनों 15 मई को शिफ्ट हुए थे। वॉल्कर और पूनावाला की मुलाकात 2018 में डेटिंग ऐप ‘बम्बल’ के जरिए हुई थी। वे 8 मई को दिल्ली आए थे। जानकारी के मुताबिक, 18 मई को, आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था।

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