बराक ओबामा ने इजरायल को किया सावधान, बोले- गाजा में इन हरकतों से होगा नुकसान

वाशिंगटन: इजरायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास (Hamas) के बीच जंग तेज हो गई है. पूरी दुनिया की इस जंग पर नजर है. वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने सोमवार को कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल की कुछ कार्रवाइयां, जैसे गाजा के लिए भोजन और पानी में कटौती फिलिस्तीनी रवैये को बदल सकती है और इसे सख्त कर सकती है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ओबामा ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई इजरायल के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन को कमजोर कर सकती हैं. सक्रिय विदेश नीति संकट पर दुर्लभ टिप्पणियों में ओबामा ने कहा कि कोई भी इजरायली सैन्य रणनीति जो युद्ध की मानवीय नुकसानों को नजरअंदाज करती है ‘अंतत: उसका उल्टा असर हो सकता है.’

ओबामा ने कहा, ‘गाजा में नागरिक आबादी के लिए भोजन, पानी और बिजली काटने के इजरायली सरकार के फैसले से न केवल बढ़ते मानवीय संकट का खतरा है, बल्कि यह कई पीढ़ियों के लिए फिलिस्तीनी रवैये को और अधिक कठोर कर सकता है और इजरायल के लिए वैश्विक समर्थन को खत्म कर सकता है. साथ ही इजरायल के दुश्मनों के हाथों में खेल सकता है और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता हासिल करने के दीर्घकालिक प्रयासों को कमजोर कर सकता है.’

मालूम हो कि हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमले में 1,400 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद से इजरायल ने गाजा पर हवाई हमलों से भारी बमबारी की है. गाजा अधिकारियों का कहना है कि इजरायल के हवाई हमलों में 5,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. ओबामा ने हमास के हमले की निंदा की और ऐसे युद्धों में नागरिकों को होने वाले खतरों के बारे में आगाह करते हुए इजरायल के अपनी रक्षा के अधिकार के लिए अपना समर्थन दोहराया.

गाजा, 45 किमी लंबी (25 मील) भूमि की पट्टी जो 2.3 मिलियन लोगों का घर है, साल 2007 से ईरान समर्थित इस्लामी समूह हमास द्वारा राजनीतिक रूप से शासित किया गया है. लेकिन इजरायल से उसे लगातार नाकाबंदी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि ओबामा प्रशासन ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति समझौता कराने की कोशिश की थी लेकिन इसमें वह असफल रहे थे.

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