बप्पा के पूजन का उत्तम मुहूर्त केवल 02:27 मिनट, जानें स्थापना विधि, शुभ संयोग, साम्रगी व सबकुछ

नई दिल्‍ली (New Dehli)। हिंदू धर्म (Hindu Religion)में किसी भी अच्छे काम की शुरुआत करने से पहले भगवान श्रीगणेश (Shri Ganesh)की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग (Almanac)के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश (Lord Ganesha)का जन्मोत्सव (birthday celebration)मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की मूर्ति स्थापना की जाती है और पूरे 10 दिनों तक बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन कर विघ्नहर्ता को विदा किया जाता है। अगर आप भी गणेश चतुर्थी पर करने वाले हैं गणपति स्थापना तो, जान लें शुभ मुहूर्त व विधि-

 

गणेश चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त-

इस साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि मान्य होने के कारण गणेश चतुर्थी और गणेशोत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 को रहेगी।

गणेश चतुर्थी के दिन पूजन व मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त-

19 सितंबर को गणेश पूजा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 01 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 27 मिनट की है।

गणेश चतुर्थी सामग्री लिस्ट-

भगवान गणेश की प्रतिमा, लाल कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली, मौली लाल, फल व मिठाई आदि।

 

गणेश चतुर्थी पर बन रहे शुभ संयोग-

ज्योतिष गणना के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी पर स्वाती नक्षत्र, ध्वज योग, पराक्रम योग के साथ-साथ सूर्य-बुध का परिवर्तन योग बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन ग्रहों के न्याय देवता शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। शनि 30 साल बाद अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रह-नक्षत्रों व शुभ योग की स्थिति बहुत लाभकारी मानी जा रही है।

गणेश मूर्ति स्थापना विधि-

1. सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें।
2. इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें।
3. भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
4. अब भगवान गणेश को स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें।
5. मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें।
6. भगवान गणेश की मूर्ति के दाईं ओर जल से भरा कलश रखें।
7. हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
8. गणेश जी के मंत्र ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।

Leave a Comment