भगीरथ प्रयास, नगरीय विकास

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

योगी सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी नगरों के विकास के लिए भगीरथ प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग की विभिन्न विकास योजनाओं सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया है। हाल ही में इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके अलावा उन्होंने उड्डयन विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की है। वस्तुतः दोनों विभाग नगरीय क्षेत्र के व्यापक विकास से ही सम्बन्धित हैं। प्रदेश सरकार सभी नगरों के सतत एवं सुनियोजित विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आकांक्षी नगर योजना के अंतर्गत सोलह इन्डीकेटर तय किए गए हैं। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ सभी को इन मानकों पर बेहतर कार्य करने की योगी आदित्यनाथ ने प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा है कि विभिन्न प्रमाणपत्र बनाने की ऑनलाइन प्रक्रिया सुनिश्चित होनी चाहिए, जिससे आमजन को अनावश्यक परेशान न होना पड़े।

अब तो गरीब कन्याओं की शादी व अन्य मांगलिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए नगर विकास विभाग द्वारा कल्याण मण्डपम बनवाये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना से इन्हें जोड़ा जा रहा है। इन कल्याण मण्डपम के निर्माण में विधायक निधि का भी उपयोग किया जाएगा। शहरी क्षेत्र के धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए कार्याें को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा। शहरों में निराश्रित और लावारिस पशुओं का व्यवस्थित पुनर्वास पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश उड्डयन क्षेत्र में नई पहचान बनकर उभरा है। इस क्षेत्र में छह साल बेमिसाल हैं।अनेक योजनाए प्रगति पर हैं। योगी आदित्यनाथ ने नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों को निर्धारित समय में योजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि दिव्य और भव्य कुम्भ से पूर्व प्रयागराज एयरपोर्ट की क्षमता व नागरिक सुविधाओं में विस्तार किया जाए।

प्रदेश में हेलीकॉप्टर की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। गोरखपुर एयरपोर्ट का त्रिपक्षीय सर्वे जुलाई में पूर्ण हो चुका है। इसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। प्रदेश में तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, सत्रह हवाई पट्टियां हैं। आठ हवाई पट्टियां भारतीय वायु सेना के अंतर्गत हैं। जनपद श्रावस्ती, आजमगढ़,चित्रकूट, अलीगढ़ में राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे सिविल कार्य पूर्ण हो चुके हैं। छह साल में प्रदेश में हवाई माध्यम से माल ढुलाई में चार गुना वृद्धि हुई है। एयर ट्रैफिक में करीब दोगुनी वृद्धि हुई। हवाई उड़ानों के साथ-साथ यात्रियों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।

नगर विकास के क्रम में मंत्रिमंडल ने अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना दिव्य है। यहां चालीस मेगावॉट की सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना स्थापित की जाएगी। सरयू नदी के निकट चिह्नित भूमि पर इस सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना हेतु एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लि. को नामित किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना की स्थापना हो जाने से प्रतिवर्ष सस्ती दर पर सत्तर मिलियन यूनिट से अधिक हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिसे अयोध्या की मांग की पूर्ति के लिए ग्रिड में फीड किया जाएगा। प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं/जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए भूमि की उपलब्धता सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

निवेशकों को शासकीय भूमि उपलब्ध कराने में सुगमता के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। निवेशकों के साथ यूपीनेडा द्वारा लीज डीड हस्ताक्षरित की जाएगी। मंत्रिमंडल द्वारा बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन के लिए भूमि क्रय, औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार तथा अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को भूमि क्रय के लिए ऋण के मद में आवंटित आठ हजार करोड़ रुपये की कार्ययोजना का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के निवेशकों द्वारा पूरे प्रदेश में विकसित भूमि की मांग की जा रही है। इसके लिए भूमि क्रय की आवश्यकता है। समस्त औद्योगिक विकास प्राधिकरण से प्रस्ताव प्राप्त होने पर भूमि क्रय एवं भूमि विकास के कार्यां का अनुमोदन अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण व नये शहर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत सात प्राधिकरणों विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों को एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि सीड कैपिटल के रूप में आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। नगरीय क्षेत्रों में सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण नये शहर प्रोत्साहन योजना लागू है।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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