बाइडन को भी प्राइमरी जीतने का भरोसा, न्यू हैंपशर में रिपब्लिकन-डेमोक्रेट खेमे का मुकाबला रोचक

वॉशिंगटन। अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव का प्रमुख मुकाबला होगा। इससे पहले प्राइमरी और कॉकस चरण में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हो रहा है। रिपब्लिकन प्रत्याशी के रूप में ट्रंप ने न्यू हैंपशर प्राइमरी में जीत हासिल की। एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद बाइडन को भी प्राइमरी में जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है। अमेरिकी मीडिया के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक समर्थकों को एकजुट रखने के लिए बाइडन ने अनौपचारिक रूप से राइट-इन अभियान चलाया।

अमेरिकी सियासत में दो दिग्गजों की सीधी टक्कर
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन के राइट-इन अभियान से पहले डेमोक्रेट खेमा हताश होने लगा था। न्यू हैंपशर में चुनावी अभियान के प्रति बाइडन की कथित उदासीनता, कम उत्साह और तुलनात्मक रूप से नाम की कम चर्चा को लेकर डेमोक्रेट खेमा शर्मनाक हार की आशंका से जूझ रहा था, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। बाइडन प्राइमरी में जीत की औपचारिक घोषणा के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को सीधी टक्कर देंगे।

81 साल के बाइडन की जीत प्रतीकात्मक होगी
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक न्यू हैंपशर में बाइडन 21 उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका कारण डेमोक्रेट गुट में आंतरिक पार्टी संघर्ष के कारण उन्होंने प्राइमरी के साथ-साथ परिणामों के लिए भी पंजीकरण नहीं कराया। इसके बावजूद 81 साल के बाइडन की जीत को प्रतीकात्मक माना जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से मिल रही सीधी और मजबूत टक्कर के बीच डेमोक्रेट खेमा न्यू हैंपशर प्राइमरी के परिणाम का स्वागत करेगा।

आंतरिक कलह के कारण डेमोक्रेट खेमा चिंतित; अब बदल चुके हैं समीकरण?
अमेरिकी चुनाव से पहले हुए कुछ सर्वे और स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप इस साल के अंत में चुनाव से पहले बाइडन के मुकाबले बेहतर स्थिति में दिख रहे हैं। काफी बड़ी संख्या में जनता बाइडन से असंतुष्ट भी दिख रही है। इन कारणों से डेमोक्रेट खेमा चिंतित था और उसका मानना था कि बाइडन को पर्याप्त समर्थन नहीं मिलेगा। चिंता बढ़ने के बीच बाइडन के समर्थकों ने ग्रेनाइट स्टेट में राइट-इन अभियान को बढ़ावा देना शुरू किया। खुद बाइडन न्यू हैंपशर में प्रचार करने नहीं पहुंचे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी वर्जीनिया में बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने चुनाव प्रचार की शुरुआत की। दोनों ने गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करते हुए रैली की मेजबानी की थी। दक्षिण कैरोलिना में मिला समर्थन भी बाइडन को मिली बढ़त का अहम कारण है।

चुनाव से पहले सर्वे में हैरान करने वाले नतीजे
मिशिगन-जॉर्जिया दो अहम राज्य हैं। दोनों राज्यों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, वर्तमान राष्ट्रपति बाइडन के मुकाबले मजबूत स्थिति में हैं। सीएनएन के सर्वेक्षण में पाया गया है कि दोनों राज्यों की बहुमत आबादी राष्ट्रपति बाइडन के काम से खुश नहीं है। एसएसआरएस की तरफ से कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक बाइडन के कार्यकाल में उनके प्रदर्शन, नीतियों और तत्काल कार्रवाई जैसे पहलुओं पर बड़ी आबादी के विचार नकारात्मक हैं। बाइडन के पास ट्रंप की तुलना में 2020 से भी कम समर्थक हैं। सीएनएन के मुताबिक, ये आंकड़े दोनों उम्मीदवारों के लिए संभावित चुनौतियों का संकेत देते हैं।

Leave a Comment