नवजोत सिहं सिद्धू का बड़ा बयान, पाक PM इमरान खान को बताया बड़ा भाई, मचा बबाल

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) ने एक बार फिर विवाद को हवा दे दी है। करतारपुर कॉरिडोर से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने पाकिस्तान (Pakistan) पहुंचे सिद्धू ने पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपना बड़ा भाई बताया है। पिछली बार भी जब सिद्धू पाकिस्तान गए थे तो करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) खोलने के मुद्दे पर पाकिस्तानी सेना के जनरल बाजवा से गले मिले थे। इसके बाद उनका कड़ा विरोध हुआ था। ऐसे में उनके आज के दौरे पर सभी की नजरें टिकी थी। सिद्धू के साथ इस दौरे पर पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी,  मंत्री परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा, पवन गोयल भी गए हैं। सिद्धू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) के प्रयासों से करतारपुर कॉरिडोर खुला है।

इससे पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को अपने साथ 18 नवंबर को ही श्री करतारपुर साहिब दर्शन के लिए ले जाना चाहते थे लेकिन सिद्धू अपने समर्थक गुट के साथ जाने के इच्छुक थे। इसलिए उन्होंने अलग से जाने की योजना बनाई।


वहीं, सिद्धू के रुख को देखते हुए पंजाब सरकार ने केंद्रीय विदेश मंत्रालय को 18, 19 व 20 नवंबर के लिए जिन मंत्रियों व नेताओं की सूची भेजी, उनमें नवजोत सिद्धू का नाम तीसरी सूची में छठे स्थान पर दिया था, जिसके चलते विदेश मंत्रालय ने उन्हें 20 नवंबर को करतारपुर जाने की अनुमति दी है। हालांकि सिद्धू को 18 व 19 नवंबर को करतारपुर जाने की अनुमति न मिलने के लिए कांग्रेस पार्टी विदेश मंत्रालय को जिम्मेदार ठहरा रही थी। 

पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री चन्नी ने सिद्धू को अपने साथ चलने को कहा था लेकिन सिद्धू तैयार नहीं हुए। इस पर चन्नी सरकार ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष और आप विधायक हरपाल सिंह चीमा के साथ जाने की सलाह दी लेकिन इस पर चीमा ने इनकार कर दिया। वे अपने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान और अन्य आप विधायकों के साथ श्री करतारपुर साहिब जाने की तैयारी कर चुके थे।

मंगलवार को पंजाब कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता के दौरान सिद्धू ने एलान किया था कि वह श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए तुरंत आवेदन कर रहे हैं। सिद्धू 19 नवंबर को गुरुपर्व के मौके पर दर्शन करने के इच्छुक थे लेकिन उन्हें यह मौका नहीं मिल पाया।

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