नौसेना के स्वदेशी पोत को बड़ी सफलता, पहले ही वार में मिसाइल नष्ट; समुद्र से पहली बार दागी गई ब्रह्मोस

नई दिल्ली। नौसेना ने एक बयान में कहा, भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक पोत- इम्फाल (यार्ड 12706) से निर्देशित प्रहार किया गया। समुद्र में अपनी पहली ब्रह्मोस फायरिंग में इम्फाल ने सटीक निशाना साधा। नौसेना की भाषा में इसे ‘बुल्स आई’ स्कोर करना कहा गया।

नौसेना के अनुसार, किसी जहाज के कमीशन होने / पूरी तरह सेना का हिस्सा बनने (Commissioning) से पहले विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल का पहली बार परीक्षण किया गया है। बयान में कहा गया कि ऐसे अभ्यास से नौसेना संदेश देना चाहती है कि किसी भी हालात में लड़ाई के लिए नौसेना तैयार है।

स्वदेशी पोत इम्फाल से मिसाइल नष्ट करने में मिली सफलता को रेखांकित करते हुए नौसेना ने कहा, इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ आह्वान के तहत बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता की भी पता चलता है। इम्फाल को अपने बेड़े में शामिल करने का फैसला दिखाता है कि नौसेना स्वदेशी हथियारों और प्लेटफार्मों की सुनिश्चित विश्वसनीयता पर अटूट फोकस कर रही है।

जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने के बाद नौसेना ने बीते 20 अक्तूबर को जारी एक बयान में कहा, जहाज का निर्माण स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग करके किया गया है। इम्फाल भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक जहाजों में से एक बताया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 164 मीटर है।

इम्फाल पोत की क्षमता के बारे में नौसेना ने बताया कि यह सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक ‘ब्रह्मोस’ मिसाइलों और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली ‘बराक-8’ मिसाइलों से लैस है। समुद्र के भीतर युद्ध क्षमता के लिए विध्वंसक जहाज में कई और भी सुविधाओं को जोड़ा गया है।

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