नए और पुराने की जंग से बैकफुट पर भाजपा

  • नए जिलाध्यक्षों की पुराने टीम से नहीं बैठ रही पटरी

भोपाल। मध्यप्रदेश बीजेपी की जिला टीमों में नए बनाम पुराने की ‘जंगÓ देखने को मिल रही है! प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले कुछ महीनों में 20 जिला अध्यक्ष बदले है। बताया जा रहा है कि नए जिलाध्यक्षों की पुराने टीम से पटरी नहीं बैठ रही है। नए जिलाध्यक्ष अपनी टीम बनाना चाहते है। डिंडोरी, अनूपपुर जिले में सबसे ज्यादा विवाद की बात सामने आ रही है। वहीं प्रदेश संगठन जिलों के अलग-अलग गुटों में तालमेल बनाने में जुटा हुआ है। एमपी में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। इसके पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने संगठन को मबूजत करने में जुटे हुए है। हाल ही में प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी ने बीते कुछ महीनों में कई जिला अध्यक्षों में बदलाव किया है। वहीं अब खबर सामने आ रही है कि नए जिलाध्यक्षों की पुरानी टीम से पटरी नहीं बैठ रही है। यही वजह है कि नए जिलाध्यक्ष अब अपनी टीम बनाना चाहते है। बताया जा रहा है कि डिंडोरी और अनूपपुर जिले में सबसे ज्यादा विवाद है। वहीं भाजपा संगठन जिलों के अलग-अलग गुटों के बीच तालमेन बनाने में जुटा हुआ है।

इन जिलों के बदले गए जिला अध्यक्ष
डिंडोरी में नरेंद्र सिंह राजपूत को हटाकर अवध राज बिलैया को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अनूपपुर में बृजेश गौतम की जगह रामदास पुरी को जिला अध्यक्ष बनाया है। सीधी में देवकुमार सिंह को मिली कमान। आगर मालवा में चिंतामणि राठौर को सौंपी जिम्मेदारी। धार में मनीष सोमानी को जिला अध्यक्ष बनाया गया। बालाघाट में सत्यनारायण अग्रवाल को कमान सौंपी गई। भिंड में देवेंद्र नरवरिया को बनाया जिला अध्यक्ष। कटनी में दीपक सोनी बने अध्यक्ष। गुना में धर्मेंद्र सिकरवार को नई जिम्मेदारी। अशोकनगर में आलोक तिवारी को बनाया अध्यक्ष, ग्वालियर नगर में कमल माखीजानी की जगह अभय चौधरी को अध्यक्ष बनाया। राजगढ़ में ज्ञानसिंह गुर्जर को जिला अध्यक्ष बनाया है।

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