Millionaire Bob Moore का 94 साल की उम्र में निधन, 700 कर्मचारियों को सौंप दी थी अपनी कंपनी

वाशिंगटन (Washington)। बॉब की रेड मिल के संस्थापक (Founder of Bob’s Red Mill) बॉब मूर (Bob Moore) का हाल ही में 94 वर्ष की आयु (age of 94) में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनकी दरियादिली की हर तरफ चर्चा (discussion of generosity everywhere) है। दरअसल, मूर की प्राकृतिक खाद्य पदार्थ कंपनी (Natural Foods Company) अपने साबूत अनाज उत्पादों और अपने कर्मचारियों के प्रति प्यार रखने के लिए काफी प्रसिद्ध है। बॉब ने दुनिया छोड़ने से पहले ही 700 से अधिक कर्मचारियों (more than 700 employees) को अपनी कंपनी सौंप (Handed over his company) दी थी।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मूर ने अपनी कंपनी को लेकर कुछ खास ही सोच रखा था। इसलिए एक खाद्य समूह को बेचने के बजाय उन्होंने अपने 700 कर्मचारियों को कंपनी का पूर्ण स्वामित्व दे दिया। दरअसल, उन्होंने साल 2010 में कंपनी के मालिक के रूप में हटने का फैसला ले लिया था। मूर ने अपने 81वें जन्मदिन पर अपने तत्कालीन 209 कर्मचारियों के लिए एक कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी। बाद में साल 2020 तक कंपनी में काम करने वालों की संख्या 700 हो गई थी। बॉब मूर के मरने से बहुत पहले ही कंपनी पूरी तरह से कर्मचारी-स्वामित्व वाली हो गई थी।

करीब 70 साल पहले सीखा सफलता का मंत्र
मूर का कहना था कि वह एक परंपरा से बचना चाहते थे, जिसमें मालिक अपने कर्मचारी से ज्यादा अपने लाभ के बारे में सोचते हैं। इसलिए उन्होंने कंपनी को अपने कर्मचारियों को सौंपने का फैसला लिया। उन्होंने एक बार कहा था, ‘मैंने लगभग 70 साल पहले सीखा कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत और दयालुता कितनी जरूरी है। जैसे-जैसे हमारा छोटा व्यवसाय बढ़ता गया, मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास उदारता का एक बड़ा अवसर है। मेरे पसंदीदा बाइबिल शास्त्र मैथ्यू में कहा गया है कि दूसरों के लिए वही करें जो आप चाहते हैं कि आपके साथ लोग करें।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगाता है कि हम को इसी मंत्र के साथ जीना चाहिए।’

कंपनी से इतना प्यार कि…
व्यापारी ने साल 2018 में कहा था कि बॉब की रेड मिल एक सपना था, जो सच हो गया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह कंपनी से इतना प्यार करते थे कि उन्होंने फैसला ले लिया था कि वह इसे कभी नहीं बेचेंगे और इसलिए कई बार जब कंपनी को लेकर प्रस्ताव आए तो उन्होंने इसका जमकर विरोध किया।

लोग बोलते थे कम दिमाग इंसान
मूर ने आगे कहा, ‘मैं कंपनी बेचना नहीं चाहता था इसलिए जो खरीदने आए थे उनका सोचना था कि मैं कम दिमाग वाला बेवकूफ इंसान हूं। उन्होंने कई बार बताया कि मैं कितना पागल हूं। हालांकि वे लोग वो नहीं बना सकते थे, जो मैंने बनाया।’

मूर अपनी मृत्यु तक कंपनी के बोर्ड में थे, भले ही वह 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्होंने दावा किया कि जीवन भर के उतार-चढ़ाव के बाद उनकी सफलता की कुंजी हमेशा उनके वास्तविक उत्तर पर ध्यान केंद्रित करना था। उन्होंने कहा, ‘मैंने पूरी दुनिया की यात्रा की है। मेरे पास एक प्यारा घर है। मैं सफल रहा हूं। मैंने अपना पैसा बर्बाद नहीं किया है। यह सब करना वाकई शानदार है। हालांकि एक चीज है कि आपके पास एक उद्देश्य होना जरूरी है।’

49 साल की उम्र में कंपनी खड़ी की
करोड़पति ने 49 साल की उम्र में कंपनी की स्थापना की। इससे पहले, वह जेसी पेनी में एक गैस स्टेशन के मालिक और स्टोर मैनेजर थे। उन्होंने खुद को बाइबल के अध्ययन के लिए समर्पित कर दिया था। फोर्ब्स के अनुसार, 2018 तक उनकी कंपनी का राजस्व 100 मिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था। बॉब की रेड मिल 70 से अधिक देशों में 200 से अधिक उत्पाद बेचती है।

कंपनी ने जाहिर किया दुख
बॉब मूर के निधन की घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा, ‘बॉब का दूसरों के लिए सम्मान हमेशा रेड मिल के कर्मचारी-मालिकों को प्रेरित करेगा और हम दुनिया भर के लोगों के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थ लाकर उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगे। हम वास्तव में उनकी ऊर्जा और जीवन से बड़े व्यक्तित्व को याद करेंगे।’

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