ममता के एक नियम से दूल्हा-दुल्हन परेशान, जानें- मेहंदी क्यों बन रही बाधक

नई दिल्‍ली (New Dehli) । शादी की रस्मों में मेहंदी सदियों(mehndi centuries) पुरानी एक प्रथा रही है। दूल्हा-दुल्हन(groom bride) दोनों के ही हाथों में मेहंदी (mehndi in hands)रची जाती रही है लेकिन तकनीक युग (technology era)में यह प्रथा अब बाधक बनने लगी है। बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए मेहंदी लगे हाथ उपयुक्त नहीं माने जा रहे क्योंकि बायोमेट्रिक मशीन उसे स्वीकार नहीं कर रहा है।

पश्चिम बंगाल में विवाह पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन आवश्यक बना दिया गया है। वहां जोड़े को दो बार बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठे का निशान दर्ज कराना आवश्यक है। पहली बार रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन जमा करते समय और फिर एक महीने बाद विवाह पंजीकरण के दौरान, जो ज्यादातर शादी के दिन होता है। शादी के दिन या उसके बाद जब जोड़े अपना विवाह पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय जाते हैं तो वहां उन्हें अंगूठे का निशान देने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बायोमेट्रिक मशीन उसे रिकॉर्ड नहीं कर पाता है।

बंगाल के मैरिज रजिस्ट्रारों ने पिछले कुछ महीने में ऐसे कई मामलों को चिह्नित किया है, जब उन्हें उंगलियों पर मेहंदी के कारण दुल्हनों और गवाहों के अंगूठे का निशान लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में रजिस्ट्रार कार्यालय अब जोड़ों को सलाह दे रहे हैं कि वे हथेलियों पर मेहंदी लगाते समय अंगूठे के सिरे को छोड़ दें।

कोलकाता के दम दम स्थित एक रजिस्ट्रार ने TOI से कहा, “बायोमेट्रिक पंजीकरण शुरू होने के बाद, हमें एक नोटिस मिला जिसमें कहा गया था कि उंगलियों पर मेहंदी, अल्ता या सिन्दूर, विशेष रूप से बाएं अंगूठे पर, उंगलियों के निशान की रिकॉर्डिंग को प्रभावित करेगा। यही कारण है कि मैं सभी इच्छुक जोड़ों से विशेष रूप से बाएं अंगूठे पर मेहंदी लगाने से बचने के लिए कह रही हूं।” उन्होंने कहा कि हाल ही में एक शादी में, आखिरी समय में एक गवाह को बदलना पड़ा।

नवीन कुमार और अंजू चौधरी की शादी 7 दिसंबर को हुई थी लेकिन उनके विवाह पंजीकरण को जनवरी के अंत तक टालना पड़ा है। कुमार ने कहा, “चूंकि मेरी पत्नी के हाथों और उंगलियों पर मेहंदी लगी थी, इसलिए रजिस्ट्रार ने हमें बताया कि बायोमेट्रिक सिस्टम पर उंगलियों के निशान की रिकॉर्डिंग प्रभावित हो सकती है और जब रंग फीका पड़ जाए तो रजिस्ट्री करना सबसे अच्छा होगा।”

इस तरह की परेशानियां कई जोड़ों ने झेली हैं। ऐसे में मेहंदी कलाकार सुचंदा बनर्जी ने कहा कि जब से पिछले महीने बंगाल में बायोमेट्रिक पंजीकरण शुरू हुआ है, वह उन दुल्हनों के लिए बाएं अंगूठे की नोक को खाली छोड़ रही हैं जिनका पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है।

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