MP के इस संस्थान में आयुर्वेद से कैंसर का इलाज, कई राज्यों से आ रहे मरीज

इंदौर (Indore)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में इन दिनों प्रदेश सहित अन्य राज्यों के कैंसर मरीज (Cancer Patients) आयुर्वेद (Ayurveda) पर भरोसा जताते हुए उपचार कराने के लिए आ रहे हैं. उनका विश्वास यहां पर कायम भी हो रहा है. यही कारण है कि अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज (Ashtanga Ayurveda College) में दिनों दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और उनका सफल इलाज भी हो रहा है।

इन राज्यों से आ रहे मरीज
अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. अखिलेश भार्गव ने बताया कि आयुर्वेदिक पद्धति से कैंसर का इलाज कराने वाले मरीजों का भरोसा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि यहां पर इलाज कराने वाले या इलाज करा चुके मरीजों से उनके अनुभव सुनकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों के मरीज आ रहे हैं. लगभग 4 सालों में 1000 से ज्यादा हर प्रकार के कैंसर मरीज इलाज कराने आ चुके हैं।

इसलिए बढ़ रहा विश्वास
डॉक्टर ने बताया कि देखने में आया है कि अकेले इंदौर में ही शासकीय और निजी अस्पतालों में कैंसर के लगभग 10 हजार मरीज हर साल इलाज कराने आते हैं. एलोपैथिक पद्धति के अंतर्गत मरीजों की कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, सर्जरी एवं अनेक प्रकार की अन्य चिकित्सा के चलते मरीजों में साइड इफेक्ट बहुत खतरनाक हो रहे हैं. काफी दिनों तक इलाज कराने के बाद भी कैंसर के फैलने की संभावना बनी रहती है. कैंसर के उपचार के दौरान होने वाले घाव नहीं भरते हैं और मरीजों को कीमोथेरेपी एवं रेडियोथेरेपी के अनेक नुकसान सामने दिखाई देते हैं. इसी वजह से अब मरीजों का आयुर्वेदिक पद्धति के प्रति भरोसा बढ़ता जा रहा है।

हर्बल गार्डन में उगाए औषधियों के पौधे
डॉ. भार्गव ने कहा कि अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के पास बने हर्बल गार्डन में कैंसर में काम आने वाली दवाइयां जैसे सदाबहार, एरंड, लक्ष्मी तरु, हरिद्रा, तुलसी, मुलेठी आदि के पौधे लगाए गए हैं, जिनसे मरीजों को दवाइयां प्राप्त होती हैं।

हर साल बढ़ रहे मरीज
डॉक्टर ने कहा कि आष्टांग आयुर्वेद कॉलेज में साल 2020 में कैंसर का इलाज लेने वाले महिला और पुरुष मरीजों की संख्या 73 थी. साल 2021 में 231, साल 2022 में कैंसर के मरीजों की संख्या 412, साल 2023 में कैंसर मरीजों की संख्या 526 थी. इस साल जनवरी से अभी तक लगभग 100 कैंसर के मरीज आयुर्वेद पद्धति से इलाज करवा रहे हैं।

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