इंदौर की 5 विधानसभा से खड़े हुए थे एक जैसे नाम के उम्मीदवार, जमानत तक नहीं बचा पाए

इन्दौर। चुनाव (Election) में हर कोई खड़ा तो होता है जीतने के लिए, लेकिन कई लोग खेल (Game) बिगाडऩे के लिए भी खड़े होते हैं। कोई राजनीतिक दलों (Political Party) के प्रत्याशी का हमनाम होने का फायदा उठाकर जीतना चाहता है तो कोई किसी ओर कारण से।

एक नंबर का चुनाव बड़ा दिलचस्प रहा और यहां से कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस के संजय शुक्ला को करीब 58 हजार वोटों से हराया है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर संजय शुक्ला नाम के एक और उम्मीदवार खड़े थे, लेकिन वे मात्र 639 वोट ही ले जा पाए और उनकी जमानत जब्त हो गई। 2 नंबर विधानसभा में कोई प्रत्याशी हमनाम नहीं था, वहीं 3 नंबर में जरूर महेश जोशी पिंटू खड़े हुए थे। यहां से पिंटू जोशी भाजपा के गोलू शुक्ला से चुनाव हारे हैं। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़े हुए महेश जोशी पिन्टू मात्र 254 वोट ही ले जा पाए। 4 और 5 नंबर विधानसभा छोड़ दें तो राऊ विधानसभा में भाजपा के मधु वर्मा का हमनाथ एक अन्य प्रत्याशी मधु वर्मा भी निर्दलीय के तौर पर खड़ा था, जिन्हें केवल 579 वोट मिले। वे भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए हैं। देपालपुर विधानसभा से मनोज पटेल निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़े थे, जिन्हें 413 वोट मिले हैं। सांवेर में रीना बौरासी कांग्रेस की उम्मीदवार थीं, उनके पिता प्रेमचंद गुड्डू आलोट से चुनाव लड़े, लेकिन उनका हमनाम उम्मीदवार प्रेमचंद वासीवाल गुड््डू निर्दलीय के तौर पर सांवेर से लड़े और हार गए। उन्हें मात्र 205 वोट ही मिल पाए। जमानत उनकी भी नहीं बची। यहां से मंत्री तुलसी सिलावट ने रीना को भी हरा दिया।

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