छावनी परिषद 6 माह और रहेगा भंग, पार्षदी का सपना देख रहे नेताओं को लगा झटका

जबलपुर (Jabalpur)। छावनी परिषद जबलपुर (Cantonment Board Jabalpur) में पार्षद बनने का सपना देख रहे नेताओं को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। रक्षा मंत्रालय ने अगामी 6 माह के लिए बोर्ड (Cantonment Board ) को भंग रखने का निर्णय लिया है। बात साफ है कि छह माह बीतते – बीतते मध्यप्रदेश (MP) सहित करीब पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो जाएगी। लिहाजा केंट बोर्ड के लिए मेंबर्स का निर्वाचन लंबे समय के लिए टल गया है। जानकारों का कहना है कि केंट बोर्ड के चुनाव लोकसभा 2024 के चुनावों के बाद ही संभव है।

 

सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की ओर से एक गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए केंट एक्ट 2006 (2006 का 41) की धारा 13 की उप धारा (1) के खंड (ख) और उप धारा (4) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए देश की 56 छावनी परिषदों को आगामी 6 माह के लिए और भंग कर दिया है। यह अवधि 11 फरवरी 2023 से प्रारंभ होगी।


उल्लेखनीय है कि पूर्व में जारी किए आदेश की कार्यावधि 10 फरवरी 2023 को समाप्त होने जा रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने नया आदेश जारी कर दिया है। देश भर की छावनी परिषदें 10 फरवरी 2019 से भंग चल रही है। लगभग 3 साल बीतने के बाद भी चुनाव की स्थिति नहीं बन पा रही है। ऐसी परिस्थिति में केंट एक्ट के तहत सिविल एरिया से जुड़े मामलों में पक्ष रखने व सुझाव देने के लिए एक सिविल मेंबर नामित किया जाता है। देश के लगभग सभी केंटोन्मेंट बोर्ड में नामित मेंबर्स की नियुक्तियां कर दी गई है, लेकिन जबलपुर केंट बोर्ड के लिए आज तक नाम फाइनल नहीं हो सकता है। अब हालात यह कि जबलपुर केंट हर निर्णय अधिकारियों के हाथों में होता है।

जानकारों ने बताया कि छावनी एक्ट में संशोधन विधेयक रक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है। संसद के बीते दो सत्रों से प्रस्तावित विधेयक संसद में रखे जाने के लिए सूची बद्ध होता है, लेकिन अलग – अलग कारणों के चलते संसद में रखा नहीं जा सका है। अब, जब तक छावनी एक्ट के संशोधन विधेयक को सरकार स्वीकृत नहीं करा लेगी। तब तक चुनावों का होना संभव नही है।

दरअसल, संशोधन के बाद छावनी परिषद उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराया जाना है। इसके अलावा छावनी एक्ट संशोधन के बाद देश की कई छावनी परिषदों का विलय समीपस्थ नगरीय निकाय में किया जाने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा।

 

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