युद्ध की प्रकृति में बदलाव, हमें आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरतः नौसेना प्रमुख

नई दिल्ली (New Delhi)। एजियन (Aegean) से दक्षिण चीन सागर (South China Sea) के लिए जब हम उड़ान भरते हैं, तो नई दिल्ली (New Delhi) बिल्कुल बीच में पड़ता है। इससे यह साफ होता है कि वर्तमान योजना में गुरुत्वाकर्षण का केंद्र (Center of gravity) नई दिल्ली (New Delhi) ही है। यह कहना है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Navy Chief Admiral R Hari Kumar.) का। एडमिरल कुमार विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) में बोल रहे थे।

रायसीन डायलॉग में उन्होंने कहा कि हाल के सभी संघर्षों में फिर चाहे वह इस्राइल हमास युद्ध हो या यूक्रेन रूस युद्ध, जंग की प्रकृति में बदलाव आया है। इसलिए हमें अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग को अपनाने की जरूरत है। तकनीके हाल में काफी अधिक किफायती और सुलभ होती जा रही हैं। हमें अब समुद्री क्षमताओं में निवेश की आवश्यकता है। कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका के यूएस इंडो पैसिफिक कमांड के कमांडर एडम जॉन सी एक्विलिनो ने कहा कि हमें अपने बल की रक्षा करनी चाहिए। वाणिज्य के मुक्त प्रवाह की रक्षा करनी चाहिए।

ग्रीक प्रधानमंत्री भी हुए थे शामिल
ग्रीस के प्रधानमंत्री ने हाल ही में कार्यक्रम में कहा था कि किरियाकोस मित्सोटाकिस के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और ग्रीस की चिंताएं और प्राथमिकताएं एक समान हैं। हमने आतंकवाद से निपटने में अपने सहयोग को और मजबूत बनाने के बारे में विस्तार से चर्चा की। रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ता सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास को दर्शाता है। इस क्षेत्र में काम करने के लिए कार्य बल का गठन किया गया है। इससे हम रक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और समुद्री सुरक्षा जैसी आम चुनौतियों में सहयोग बढ़ा सकते हैं। हम दोनों देशों के रक्षा क्षेत्रों को जोड़ने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हमने दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को आपस में जोड़ने पर भी सहमति जताई हैं।

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