छगः महादेव एप मामले में CM बघेल के सलाहकार ने BJP नेताओं को भेजा नोटिस

रायपुर (Raipur)। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के राजनीतिक सलाहकार (Political advisor) विनोद वर्मा (Vinod Verma) ने राज्य में कथित महादेव सट्टा ऐप (Mahadev App Scam) मामले में उनका नाम जोड़े जाने पर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party- BJP) के प्रवक्ताओं से सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने और अपना बयान वापस लेने की मांग की है. वर्मा ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तब वह तीन बीजेपी प्रवक्ताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

उन्होंने कहा कि ईडी ने तीन नवंबर को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उससे पैसे बरामद किए गए. इसके दो दिन बाद मीडिया में एक वीडियो सामने आया जिसमें शुभम सोनी नाम का व्यक्ति यह कहता है कि उसे किसी ‘वर्मा जी’ ने मुख्यमंत्री से मिलवाया. विनोद वर्मा ने कहा, ‘‘वीडियो के जारी होते ही बीजेपी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने रायपुर में बीजेपी कार्यालय में एक प्रेसवार्ता बुलाई और इस वीडियो पर टिप्पणियां की. उनके साथ बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल भी इस प्रेसवार्ता में शामिल थे।’’

सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार ने क्या कहा
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बिना हिचक और बिना संकोच कह दिया कि शुभम सोनी ने जिस ‘वर्मा जी’ का नाम बार बार लिया वह और कोई नहीं बल्कि विनोद वर्मा है यानी मैं. उन्होंने विनोद वर्मा का नाम लेने के बाद जिस तरह से विवरण दिए उसमें संदेह नहीं है कि वह मेरा ही जिक्र कर रहे थे.’’वर्मा ने कहा, ‘‘मैंने प्रवक्ता गणों की इन करतूतों को गंभीरता से लिया है।

आठ नवंबर को मेरे वकील की ओर से सिद्धार्थ नाथ सिंह, केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल को नोटिस भेज दिया गया है. अगर वे अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त नहीं करते और अपना बयान वापस नहीं लेते तो मैं इन तीनों बीजेपी प्रवक्ताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करूंगा।’’

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महादेव ऐप की जांच का काम छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुरू किया. वर्मा ने कहा कि अब तक 72 मामले दर्ज किए गए हैं और 449 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इस मामले में डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति और 16 करोड़ रुपए बैंक खातों में ज़ब्त किए गए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दर्ज मामलों के आधार पर ही ईडी ने जांच शुरु की है।

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