चीन ने तैयार किया चांद का सबसे डिटेल एटलस, जानें क्या मकसद?

बीजिंग (Beijing)। चीन (China) ने चंद्रमा (Moon) का सबसे डिटेल एटलस (most detailed atlas) बना लिया है. आम भाषा में कहें तो नक्शा. यह भौगोलिक एटलस है, जिसमें चांद की सतह पर मौजूद हर चीज (everything on the surface of the moon) बेहद बारीकी से दिखाई गई है. इस एटलस में चांद की सतह पर मौजूद सभी इम्पैक्ट क्रेटर्स (Impact craters) को दिखाया गया है. यानी वो गड्ढे जो उल्कापिंडों के टकराने की वजह से बनते हैं।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ जियोकेमिस्ट्री (Institute of Geochemistry of the Chinese Academy of Sciences) के सीनियर रिसर्चर लियु जियानझॉन्ग ने बताया कि जब आप इस नक्शे को देखते हैं, तो आपको यहां मौजूद गड्ढे अपनी ओर खींचते हैं. ये सवाल पैदा करते हैं. ये छोटे-छोटे गड्ढे इम्पैक्ट क्रेटर्स हैं. जो उल्कापिंडों के टकराने की वजह से चांद पर बने हैं. लगातार बनते रहते हैं।

लियु ने बताया कि इस नक्शे में हर एक गड्ढा कवर किया गया है. इसमें सबसे बड़ा इम्पैक्ट क्रेटर तो पूरा का पूरा बेसिन है. जिसे इम्पैक्ट बेसिन कहते हैं. इसका व्यास 200 किलोमीटर है. हर गड्ढे को उसकी उम्र के हिसाब से अलग-अलग रंगों में बांटा गया है. इसमें बैंगनी रंग वाले गड्ढे सबसे पुराने इम्पैक्ट क्रेटर्स हैं।

2012 से तैयार किया जा रहा था एटलस
चीन के वैज्ञानिकों और कार्टोग्राफर्स यानी वो लोग जो सैटेलाइट इमेज से नक्शे बनाते हैं, इन लोगों ने 2012 में इस नक्शे और एटलस को बनाना शुरू किया था. चीन के चांगई-1 और चांगई-2 की वजह से कई तस्वीरें मिलीं. इसके अलावा इनके ऑर्बिटर लगातार चांद की फोटो लेते रहते हैं. 2013 और 2019 में चांगई-3 और 4 भेजे गए।

चांगई लूनर मिशन से मिली कई जानकारी
चारों लूनर मिशन से चीन को चांद का हर एंगल से फोटो मिला. जिन्हें मिलाकर यह विशालकाय और सबसे डिटेल नक्शा बनाया गया है. चांगई-5 ने तो चांद के नीयर साइड यानी वो हिस्सा जो हमें दिखता है, वहां से 2020 में सैंपल भी जमा किया था. ये सैंपल अब पृथ्वी पर लौट आया है. वैज्ञानिक इनकी अलग से स्टडी कर रहे हैं।

इस साल चीन भेजेगा चांगई-6 लूनर मिशन
चीन अब इस समय तैयारी में है कि वह इस साल मई में चांगई-6 लूनर मिशन भेजेगा. यह भी सैंपल रिटर्न मिशन होगा. चीन के प्रसिद्ध लूनर साइंटिस्ट ओयुयांग जियुआन कहते हैं कि चंद्रमा का यह एटलस चांद की हर जानकारी देता है. मानव इतिहास में चंद्रमा का इतना डिटेल नक्शा कभी नहीं बना।

6 साल में चांद पर रिसर्च स्टेशन बनाएगा चीन
चीन का प्लान है कि वह चांद पर 2030 तक इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन (ILRS) बनाएगा. वह अपने एस्ट्रोनॉट्स को 2030 तक चांद की सतह पर उतारने की तैयारी कर रहा है. दुनिया भर में यह रेस चल रही है कि चंद्रमा पर कौन सा देश पहले पहुंचेगा. अमेरिका भी इस रेस में लगा है।

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