ड्रैगन की नई चाल : नेपाल के वामपंथी दलों को एकजुट करने जुटा चीन

काठमांडू (kathmandu)! नेपाल के वामपंथी दलों को एकजुट करने के लिए चीन (China) फिर सक्रिय हो गया है। चीन के सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (ruling communist party) के नेताओं का लगातार हो रहा नेपाल दौरा इसी बात की तरफ संकेत दे रहा है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों की उप मंत्री नेपाल के वामपंथी दलों के नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं और उन्हें चीन के राष्ट्रपति का संदेश दे रही हैं। 26 जनवरी को काठमांडू पहुंचे चीन के विदेश विभाग के दक्षिण एशियाई देशों के प्रभारी सुन हायान ने वामपंथी नेताओं के साथ शुक्रवार और शनिवार को कई बैठकें कीं।चीन के राष्ट्रपति का विशेष संदेश लेकर नेपाल पहुंचे चीनी प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री एवं नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ से मुलाकात की। इस मुलाकात के फौरन बाद चीनी प्रतिमंडल प्रमुख विपक्षी दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मिलने उनके पार्टी दफ्तर पहुंचा। दोनों मुलाकात के बाद जो आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई उससे संकेत मिलते हैं कि चीन नेपाल के वामपंथी दलों को एक करने के लिए फिर सक्रिय हो गया है।


प्रचंड से मुलाकात के क्रम में वहां मौजूद रहे उनके विदेश मामलों के सलाहकार रूपक सापकोटा ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और नेकपा (माओवादी) के बीच संबंधों को लेकर चर्चा हुई।

पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात के क्रम में मौजूद रहे नेकपा (एमाले) के विदेश मामलों के प्रमुख डॉ. राजन भट्टराई ने बताया कि नेपाल में पश्चिमी देशों के बढ़ते प्रभाव को लेकर चीन ने चिंता जताई है। बीआरआई प्रोजेक्ट के आगे नहीं बढ़ने पर भी चीन ने अपनी चिंताओं से अवगत कराया। भट्टराई से जब यह पूछा गया कि क्या वामपंथी दलों को एक करने को लेकर कोई बात हुई है इस पर उन्होंने सीधे तो जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि चीन नेपाल में सभी वामपंथी दलों को मजबूती के साथ सत्तारूढ़ देखना चाहता है। यह ओपन सेक्रेट है।

इन दोनों के अलावा चीनी प्रतिनिधिमंडल की योजना अन्य छोटे वामपंथी दलों के नेताओं से भी मुलाकात करने की है। ओली की पार्टी से अलग हुए पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल से मिलकर चीनी प्रतिनिधिमंडल ने चीन और नेपाल के रिश्ते और मजबूत बनाने की बात कही। जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव से भी चीनी प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। एजेंसी

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