सन्न रह गया चीन, विदेशी पैसे ने बदला भारत के बाजार का सीन

नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों (foreign investors) ने मार्च के पहले ही पखवाड़े में ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी. जी हां, बीते 10 साल में ऐसा पहली बार देखने को मिला है, जबकि विदेशी निवेशकों ने मार्च के महीने में 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कर दिया है. इस आंकड़ें को देखकर चीन (China) भी काफी हैरान है. क्योंकि चीन का शेयर बाजार (Share Market) विदेशी निवेशकों के लिए तरस रहा है. वहीं दूसरी ओर भारत का शेयर बाजार ओवर वैल्यूड होने के बाद भी विदेशी निवेशकों के पैसों की बरसात में भीग रहा है. जानकारों की मानें तो इकोनॉमिक सिनेरियों में सुधारद घरेलू मोर्चे पर मजबूत आंकड़ों से एफपीआई का भारतीय शेयरों में आकर्षण बना हुआ है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर 15 मार्च तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में कितना निवेश किया है.

10 साल में नहीं हुआ ऐसा
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च के महीने में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 40,710 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने शेयरों में 1,539 करोड़ रुपये डाले थे. वहीं जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. खास बात तो ये है कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के सत्ता में आने के बाद से मार्च के महीने में कभी इतना निवेश विदेशी निवेशकों की ओर नहीं किया गया. खास बात तो ये है है कि साल 2019 के बाद पहली बार ऐसा मौका है जब वित्त वर्ष के आखिरी महीने में विदेशी निवेशकों ने 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. वहीं बीते 10 साल में पहली बार ऐसा मौका आया है विदेशी निवेशकों ने 40 हजार करोड़ रुपएउ से ज्यादा निवेश किया है. अभी मार्च का महीना खत्म नहीं हुआ है. इस आंकड़ें में और ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

10 साल में सिर्फ दो बार निकाले पैसे
बीते 10 साल में दो ही बार ऐसा देखने को मिला जब विदेशी निवेशकों ने मार्च के महीने में अपना पैसा शेयर बाजार से निकाला है. एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार साल 2015 से लेकर 2019 तक विदेशी निवेशकों का मार्च के महीने में लगातार निवेश देखने को मिला. पहली साल 2020 में विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार से करीब 62 हजार करोड़ रुपए निकाले. ये वो साल था, जब पूरी दुनिया में कोविड प्रकोप था और भारत में भी लॉकडाउन लगने वाला था. उसके बाद साल 2022 में विदेशी निवेशकों ने 41 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निकाले थे.

क्या कह रहे हैं जानकार
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बदलाव की वजह से अपनी रणनीति बदल रहे हैं. चूंकि अमेरिका में बॉन्ड पर यील्ड फिर बढ़ गया है, ऐसे में आगामी दिनों में एफपीआई फिर बिकवाली कर सकते हैं. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार की वजह से एफपीआई भारत जैसे बाजारों का रुख कर रहे हैं. इसके अलावा बाजार में हालिया करेक्शन से भी उन्हें निवेश का अवसर मिला है.

डेट मार्केट में भी निवेश
शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में डेट या बॉन्ड बाजार में 10,383 करोड़ रुपए का निवेश किया है. डेट या बॉन्ड बाजार की बात की जाए, तो ब्लूमबर्ग ने अगले साल 31 जनवरी से भारतीय बॉन्ड को इमर्जिंग मार्केट (ईएम) लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स में शामिल करने की घोषणा की है. इसके चलते एफपीआई बॉन्ड बाजार में पैसा लगा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने बॉन्ड बाजार में फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये, जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये, दिसंबर में 18,302 करोड़ रुपये डाले थे. कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार में 16,505 करोड़ रुपये डाल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने ऋण बाजार में 52,639 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

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