Amazon और Microsoft जैसी कंपनियां सरकार को दे रही 3000 करोड़ का घाटा, केंद्र के पास पहुंची शिकायत

नई दिल्ली। Amazon और माइक्रेसॉफ्ट जैसी बड़ी एमएनसी कंपनियों के कारण भारत सरकार को राजस्व में 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है ये दावा दूरसंचार कंपनियों की ओर से किया गया है। इसी शिकायत दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेलुलर ऑपरेटर एसोशिएशन ऑफ इंडिया (COAI) की ओर से भारत सरकार से की गई है।

कैसे हो रहा राजस्व को नुकसान?
दौनिक जागरण की एक रिपोर्ट में बताया गया कि दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि एमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी एमएनसी कंपनियां ग्राहकों को मैसेज भेजने के लिए वाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ओटीटी ऐप्स का इस्तेमाल कर रही है। इससे उन्हें राजस्व की हानि तो हो ही रही है। सरकार को भी लाइसेंस फीस और शुल्क के रूप में लगभग 3000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

टेलीकॉम विभाग में सेक्रेटरी नीरज मित्तल को लिखे गए पत्र में कहा गया कि ये साफतौर पर नियमों का उल्लंघन भी है। ओटीटी पर किसी तरह का कोई नियम लागू नहीं होता है और इस वजह कंपनियों पर भी ग्राहकों के डेटा सुरक्षित रखने आदि को लेकर कोई दबाव नहीं होता है। केवाईसी आदि की भी जरूरत नहीं होती है।

किस तरह का मैसेज भेज रही कंपनियां?
रिपोर्ट में बताया गया कि एमएनसी कंपनियों की ओर से ग्राहकों तक नोटिफिकेशन, सर्टिफिकेशन, मार्केटिंग कम्युनिकेशन और ओटीपी आदि भेजे जा रहे हैं। इसका इस्तेमाल टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स, फाइनेंस और क्लाउड कंपनियों की ओर से किया जा रहा है।

डाटा चोरी का खतरा बढ़ा
दूरसंचार कंपनियों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है ओटीटी ऐप के माध्यम से संदेश भेजे जाने से ग्राहकों को लिए स्पैम, डाटा चोरी और साइबर अपराध का खतरा बढ़ गया है। साथ ही सरकार से आग्रह किया है कि मैसेज भेजने के लिए एसएमएस को ही माध्यम बनाया जाए और बाकी अन्य मार्गों को अवैध घोषित किया जाए।

Leave a Comment