एसडीएम के सामने पहुंची शिकायत… मंडी में धोखाधड़ी, अधिक तौल कर किसानों को लगा रहे चपत

आष्टा। कृषि उपज मंडी में किसानों का शोषण खुलेआम संरक्षण में हो रहा है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। स्थिति यह है कि अन्नदाता किसान स्वयं ही जागरूक होकर इस आवाज को उठा रहा है। कृषि उपज मंडी में शुक्रवार की सुबह अधिक तोल करने का मामला प्रकाश में आया । किसान ने जब हंगामा किया तो अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष सहित किसान भी वहां पहुंचे ,उनके सामने तोल कांटे की वास्तविकता भी सामने आ गई ।इसकी शिकायत जब एसडीएम के समक्ष पहुंची तो उन्होंने तत्काल पटवारी एवं मंडी सचिव को मौके पर भेजकर पंचनामा आदि बनवाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि उपज मंडी आष्टा में शुक्रवार 6 जनवरी को सुबह लगभग 12 बजे किसान और व्यापारी आमने – सामने हो गए ।जब अमलाह निवासी किसान पंकज जैन ने अपनी उपज बेचने अपना ट्रेक्टर सलोनी ट्रेडर्स पर लगाया ,जहां हम्मालों द्वारा किसान की उपज तोलना शुरू किया ,किसान ने बोला कि बिना तुलावटी के तोल शुरू क्यों कर दिया तो बोला गया कि तुलावटी को आने में देर लगेगी ।जिस पर किसान को शक हुआ और उसने अपने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर रिकार्डिंग की ओर कहा कि इस कांटे पर बाट रखकर तोलो ,जब 20 किलो का बाट काटे पर रखा गया तो कटे में 20 किलो की जगह 150 ग्राम कम वजन निकला। यह धांधली साबित होते ही किसान ने हंगामा मचा दिया ।हंगामा होता देख आसपास उपस्थित किसान वहां पर आ गए, भीड़ देख मंडी व्यापारी समिति अध्यक्ष उपेश राठौर भी पहुंचे। जिनके सामने वापस कांटा कराया गया तो कांटे की गड़बड़ी साफ जाहिर हो गई । अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने भी गड़बड़ी होना स्वीकार किया ।

पंचनामा तैयार करने के निर्देश
इस बीच किसान की शिकायत पर एसडीएम आनंद सिंह राजावत ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेकर पटवारी वीरेन्द्र सिंह को मोके पर भेज कर पंचनामा तैयार करने के निर्देश दिए। वही मंडी सचिव राजेश कुमार साकेत ने भी मोके पर पहुंचकर पंचनामा बनाकर कांटे को जब्त किया। शाम होते -होते नापतोल विभाग के द्वारा कांटे की जांच में गड़बड़ी होने की मोहर लगा दी।आष्टा कृषि उपज मंडी प्रदेश में अपनी अलग पहचान बन चुकी है। अनेकों तहसीलों से यहां कृषक अपनी उपज लेकर आते हैं ,अच्छे भाव और नगद भुगतान की वजह से कृषक लगातार आष्टा मंडी में हर फसल लेकर आते हैं। किंतु कृषि उपज मंडी की छवि खराब करने में भी कुछ व्यापारी लगे हुए हैं। जो अपने स्वार्थ के चलते कृषकों के साथ धोखाधड़ी ,420 कर उनकी उपज को कांटे में गड़बड़ी कर किसानों के साथ छलावा करते हैं ।जिससे मंडी की साख पर बट्टा लगता है,मंडी में उपस्थित किसानों ने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है ।

फिर कांटों में गड़बड़ी की शिकायत क्यों मिल रही
इससे पूर्व भी कांटे में गड़बड़ी व व्यापारियों द्वारा बोरे गायब करने के मामले हो चुके हैं। हालांकि कई मामले आपसी समझाइश व मंदिरों में कसम खिलाकर शांत कर दिए गए।इस मामले में नापतोल विभाग की कमजोरियां भी साफ उजागर दिखाई दे रही है एवं बड़ा सवाल उठता है कि यदि समय पर तोल कांटों की सही जांच होती रहे तो फिर कांटों में गड़बड़ी की शिकायत क्यों मिल रही हैं।

फोन नहीं उठाया
इस संबंध में जब मंडी सचिव राजेश कुमार साकेत से मोबाइल पर जानकारी लेना चाही तो उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। दूसरी तरफ पटवारी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारी के निर्देश पर कृषि उपज मंडी में गया था, वहां पर किसान की शिकायत अधिक तोलने की सही पाई गई। मंडी सचिव ने इस संबंध में कार्रवाई की है।

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