मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, इन नेताओं को सौंपी पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी

भोपाल: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसते हुए कांग्रेस ने चार वरिष्ठ नेताओं को मध्यप्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया है. अर्जुन मोढवाडिया, सुभाष चोपड़ा, कुलदीप राठौड़, प्रदीप टम्टा को मध्यप्रदेश में चुनावी तैयारियों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है. राष्ट्रीय सचिव शिव भाटिया और संजय दत्त को मध्य प्रदेश के प्रभारी जय प्रकाश अग्रवाल के साथ नियुक्त किया गया है.

वहीं, राजस्थान के प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा के साथ राष्ट्रीय सचिव अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन और वीरेंद्र राठौड़ की नियुक्ति की गई है. मध्य प्रदेश में तो पिछले चुनावों में कांग्रेस ने वापसी की थी लेकिन राज्य के बड़े नेताओं की गुटबाजी के चलते वहां सरकार गिर गई और एक बार फिर से बीजेपी सत्ता में आ गई. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की खटास का नुकसान पार्टी के भुगतना पड़ा था.

दिग्विजय सिंह के बयान के मायने
हाल ही में दिग्विजय सिंह ने सीहोर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का चुनावी मैनेजमेंट संगठन की कमजोरी के कारण कमजोर है. दिग्विजय सिंह ने माना कांग्रेस का संगठन जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है. कांग्रेस का जो इलेक्शन मैनेजमेंट है पोलिंग के दिन भी वह कमजोर दिखाई देता है. जनता वोट देना चाहती है लेकिन संगठन की कमजोरी की वजह से वह पूरा नहीं हो पाता है.

राजस्थान में भी संकट का दौर
राजस्थान में लगभग चार साल तक गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी बचा रहे हैं. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की दरार देशभर ने देखा है. हाल ही में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, “मैं उनके खिलाफ हूं जो पार्टी के खिलाफ हैं.” उन्होंने ये बात जयपुर में कांग्रेस विधायकों के लिए आयोजित फीडबैक सत्र में कही थी. जिसमें सचिन पायलट पहुंचे ही नहीं थे.

रंधावा ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) से सख्त कार्रवाई करने को कहा है. मैं कांग्रेस के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करूंगा, चाहे वह कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो. मैं यूं ही पंजाब से नहीं आया हूं. मैं यह सुनिश्चित करने आया हूं कि कांग्रेस राजस्थान में सत्ता बरकरार रखे.”

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