कांग्रेस नेता बिनॉय तमांग ने मांगे भाजपा के लिए वोट, पार्टी ने 6 साल के लिए किया निष्कासित

दार्जिलिंग: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले बंगाल कांग्रेस में बगावत की बड़ी खबर आई है. यहां कांग्रेस नेता बिनॉय तमांग ने दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजू बिष्ट का समर्थन करने का ऐलान किया है. उन्होंने ये भी कहा कि वह पहाड़ी क्षेत्र के लोगों से भी बीजेपी को ही वोट देने का आग्रह करेंगे. बिनॉय तमांग के इस ऐलान के बाद कांग्रेस ने उन पर कार्रवाई कर दी है, पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है.

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के महासचिव तमांग ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह दार्जिलिंग में बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने यह फैसला सभी मुद्दों पर गहन विचार विमर्श के बाद लिया है. इसके बाद ही बंगाल कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी मनोज चक्रवर्ती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए तमांग को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया.

तमांग ने क्या किया था ऐलान
तमांग ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि मैं दार्जिलिंग पर्वत और सिलीगुड़ी के लोगों की संवैधानिक सुरक्षा और न्याय के लिए बीजेपी उम्मीदवार राजू बिष्ट का समर्थन करूंगा. पीटीआई से बातचीत में तमांग ने कहा था कि मैं अपने सभी सम्मानित साथी, सहयोगियों, समर्थकों और रिश्तेदारों से भी ये अनुरोध करूंगा कि वह बीजेपी को ही वोट दें.

मुनीश तमांग को उम्मीदवार बनाए जाने से थे नाराज
बताया जाता है बिनॉय तमांग दार्जिलिंग लोकसभा सीट से मुनीश तमांग को इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज थे. मुनीश तमांग भारतीय गोरखा परिसंघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके एक सप्ताह बाद ही उन्हें पार्टी ने टिकट दे दिया था. इसके बाद से ही तमांग पार्टी विरोधी बयानबाजी करने लगे थे. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक तमांग इसलिए नाराज थे, क्योंकि मुनीश को उम्मीदवार बनाए जाने से पहले कांग्रेस ने पार्टी और स्थानीय नेताओं में से किसी से कोई परामर्श नहीं किया था.

तमांग बोले ये गोरखा की जीत
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक मनोज चक्रवर्ती की ओर से बिनॉय तमांग को निष्कासित किए जाने के ऐलान के बाद तमांग ने कहा कि कांग्रेस से उनका निष्कासन किया जाना गोरखा की जीत है. वह इसे अधिक तवज्जो नहीं देते हैं. तमांग ने बताया कि वास्तव में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, कांग्रेस से मेरा निष्कासन पार्टी की हार और गोरखा की जीत है.

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